पुणे मेट्रो (सौ. सोशल मीडिया )
Pimpri Chinchwad News: पिंपरी-चिंचवड़ स्मार्ट सिटी में दापोडी से पिंपरी तक मेट्रो दौड़ रही है, जबकि पिंपरी से निगडी तक विस्तार का काम चल रहा है। पुराने पुणे-मुंबई हाइवे के किनारे महानगरपालिका की ओर से 23 महत्वपूर्ण जगह महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (महामेट्रो) को दी गई है। इन जगहों पर पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने की मांग होने के बावजूद महामेट्रो प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि यहां पार्किंग नहीं बनाई जाएगी।
मेट्रो स्टेशन के नीचे पार्किंग नहीं होने के कारण सैकड़ों वाहन फुटपाथ और सड़क किनारे अव्यवस्थित तरीके से खड़े किए जा रहे हैं, जिससे ट्रैफिक जाम लगने के साथ ही पैदल चलने वालों को परेशानी हो रही है। शहर में पिंपरी, संत तुकाराम नगर, नाशिक फाटा, कासारवाड़ी, फुगेवाड़ी और दापोडी ये छह मेट्रो स्टेशन हैं। मेट्रो से स्वारगेट, वनाज और रामवाड़ी तक भी पहुंचा जा सकता है।
पिंपरी से निगडी तक भक्ति शक्ति समूह शिल्प चौक तक मेट्रो रूट के विस्तार का काम चल रहा है। अब पिंपरी नगरपालिका भवन से निगडी तक के मार्ग के लिए आकुर्डी की 4, निगडी की 8 और चिंचवड़ की 3 सहित कुल 15 जगहें महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन 15 जगहों का कुल क्षेत्रफल 4,883।233 वर्गमीटर है।
गणेशोत्सव में मेट्रो को नागरिकों का रिकॉर्ड तोड़ रिस्पांस मिला है। मेट्रो में गणेशोत्सव के दौरान जमकर भीड़ देखने को मिली। पिंपरी मेट्रो स्टेशन से महामेट्रो को सबसे अधिक इनकम होती है, लेकिन फिर भी यहां पार्किंग नहीं होने से यात्रियों को भारी परेशानी होती है। महानगरपालिका ने पार्किंग के लिए महामेट्रो को कई प्रमुख जगहें मुफ्त में दी है और सशुल्क पार्किंग जोन बनाने की घोषणा भी की गई थी, फिर भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से यात्री फुटपाथ और सड़क किनारे वाहन खड़ी कर रहे है। सुबह छह बजे से रात बारह बजे तक स्टेशन के नीचे और आसपास वाहन खड़े रहते हैं। रिक्शा और कैब चालक स्टेशन के आसपास भीड़ कर ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा कर रहे है। मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि यात्री निजी वाहन न लाए। इसकी जगह बस, रिक्शा या कैब का इस्तेमाल करे ताकि पार्किंग की आवश्यकता न पड़े।
पहले चरण में पिंपरी से दापोडी तक मेट्रो चल रही है, इस मेट्रो मार्ग के लिए महानगरपालिका ने 8 जगहें 30 साल के लिए लीज पर महामेट्रो को दी थी, जिसमें पार्किंग बनाने और व्यवसायिक उपयोग नहीं करने की शर्त शामिल थी।
2018 में महानगरपालिका ने 3 जगह मौजे पिपरी, 2 जगह वल्लभनगर, 2 जगह फुगेवाड़ी और 1 जगह दापोडी सहित 8 जगहें नियम शतों पर दी गई थी। महामेट्रो ने प्रोजेक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों से कर्ज लिया है। कर्ज की नियमित अदायगी, संचालन, मरम्मत व रखरखाव के लिए इन जगहों का व्यावसायिक उपयोग करना आवश्यक है। इसलिए राज्य सरकार से इन जगहों को बिनशर्त मालिकाना हक देने का अनुरोध किया गया था।
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महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम 1949 की धारा 450-1 के तहत राज्य सरकार ने इन 8 जगहों को बिनशर्त महामेट्रो को देने की मंजूरी दी है। निर्णय के अनुसार महानगरपालिका को तत्काल इन जगहों को महामेट्रो को बिनशर्त हस्तांतरित करना होगा। जगहों का व्यावसायिक उपयोग किया जाए।