पुणे न्यूज (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News: पिंपरी-चिंचवड़ के भोसरी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित हजारों छोटे-बड़े उद्योगों के लिए हानिकारक कचरे निपटान गंभीर चुनौती बन गया है। महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमआईडीसी) के अधीन आने वाले इस क्षेत्र में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में औद्योगिक अपशिष्ट निकलता है।
उद्योग संगठनों क कहना है कि सामान्य कचरे के लिए नगम पालिका की सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन हानिकारक अपशिष्ट के लिए कोई स्थानीय व्यवस्था नहीं होने से उद्योगों को इस रांजणगांव स्थित अधिकृत केंद्र तक भेजन पड़ता है। इससे छोटे और मध्यम उद्योग पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ रहा है।
भोसरी एमआईडीसी में करीब 5,000 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे और मध्यम स्तर की हैं। इनके उत्पादन में रसायन और धातुजन्य पदार्थों का उपयोग होता है, जिनका अपशिष्ट पर्यावरणीय दृष्टि से खतरनाक नाना जाता है। कानूनी प्रावधानों के तहत इसका सुरक्षित निपटान अनिवार्य है, लेकिन नौजूदा प्रक्रिया जटिल और महंगी है।
स्थानीय उद्योग संगठनों ने मांग की है कि भोसरी या चिंचवड़ क्षेत्र में ही हानिकारक कचरे के निपटान के लिए आधुनिक संयंत्र स्थापित किया जाए, इससे न केवल उद्योगों का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि समय पर और सुरक्षित निपटान भी संभव होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य देखते को हुए पीसीएमसी, एमपीसीबी और उद्योगों को मिलकर स्थायी समाधान निकालना होगा।
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परिवहन लागत अधिक होने से कई उद्योग समय पर निपटान नहीं कर पाते और परिसर में अपशिष्ट जमा हो जाता है, जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ जात है। पिंपरी-चिंचवड़ महानगर पालिका का कहना है कि वह केवल सामान्य कचरा उठाती है, जबकि हानिकारक कचरे का प्रबंधन उसकी जिम्मेदारी में शामिल नहीं है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने रांजणगांव में निपटान सुविधा उपलब्ध कराई है, लेकिन वहां तक अपशिष्ट पहुंचाना उद्योगों के लिए खर्चीला और समय लेने वाला है।