पुणे फायर ब्रिगेड (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News: शहर के ठंड्री इलाके में शुक्रवार दोपहर हुई भीषण आग की घटना ने एक 15 वर्षीय किशोर की जान ले ली थी। यह हादसा ‘मार्वल आइडियल सोसायटी’ नामक 14 मंजिला इमारत के 12वें फ्लोर पर स्थित एक फ्लैट में हुआ था।
जानकारी के मुताबिक धुएं से दम घुटने के कारण उसकी मौत हुई थी। इस हादसे ने शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया और एक बार फिर बहुमंजिला इमारतों की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। इस घटना के बाद अब फायर ब्रिगेड हरकत में आ गया है और उसने कड़े सुरक्षा निर्देश जारी किए हैं।
फायर ब्रिगेड अधिकारियों के अनुसार आग लगने का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह आशंका जताई जा रही है कि यह हादसा शॉर्ट सर्किट या घरेलू उपकरणों से जुड़ी तकनीकी खामी के चलते हुआ होगा। आग लगने के बाद देखते ही देखते धुआं पूरी मंजिल पर फैल गया। इस बीच फ्लैट में अकेला मौजूद किशोर बाहर नहीं निकल सका और धुएं के कारण उसको मृत्यु हो गई। आग लगने की इस घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। प्राथमिक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इमारत के सुरक्षा उपकरण जैसे फायर अलार्म और संप्रंकलर या तो काम नहीं कर रहे थे या पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं थे।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि हादसों से बचने के लिए सिर्फ कानूनी औपचारिकताएं पूरी करना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में भी सतर्क रहना होगा। अग्निशमन विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि किसी इमारत प्रबंधन ने सुरक्षा प्रमाणपत्र जमा नहीं किया और भविष्य में कोई हादसा होता है, तो जिम्मेदारी सीधे तौर पर उसी प्रबंधन की होगी। साथ ही, निवासी भी अपने-अपने घरों में विद्युत लोड, वायरिंग और गैस उपकरणों को समय-समय पर जांच करते रहें।
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इस घटना के बाद पुणे फायर ब्रिगेड ने एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि महाराष्ट्र के फायर प्रिवेंशन एंड लाइफ सेफ्टी मेजर्स एक्ट, 2006 के तहत सभी आवासीय, वाणिज्यिक और संस्थागत इमारतों में अग्नि सुरक्षा प्रणाली लगाना अनिवार्य है। अधिकारियों ने बताया कि हर इमारत में फायर अलार्म, स्प्रिंकलर, पोर्टेबल फायर एक्सटिंग्विशर, धुआं निकासी नियंत्रक प्रणाली और इमरजेंसी निकास मार्ग आदि व्यवस्थित रूप से होने चाहिए। इन प्रणालियों की साल में दो बार जांच आवश्यक है और प्रमाणपत्र मुख्य अग्निशमन अधिकारी को जमा करना अनिवार्य है। नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ विभाग बिजली-पानी सप्लाई काटने जैसे कठोर कदम भी उठा सकता है।