राष्ट्रीय शैक्षिक सर्वेक्षण में महाराष्ट्र आठवें स्थान पर (सौजन्यः सोेशल मीडिया)
मुंबई/पुणे: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार एक राष्ट्रीय मूल्यांकन एजेंसी की स्थापना की गई है। इस एजेंसी के माध्यम से किए गए शैक्षिक सर्वेक्षण में देश के विभिन्न राज्यों ने भाग लिया। सभी राज्यों के प्रदर्शन पर गौर करें तो पंजाब और केरल देश में पहले स्थान पर हैं, जबकि महाराष्ट्र आठवें स्थान पर है। कक्षा 3 के छात्रों के मामले में महाराष्ट्र छठे स्थान पर है, और कक्षा 6 और 9 के छात्रों के मामले में क्रमशः सातवें और दसवें स्थान पर है।
इस सर्वेक्षण में पाया गया है कि कोल्हापुर जिले के छात्र सबसे ज़्यादा बुद्धिमान हैं। ‘परख’ संस्था के माध्यम से 4 दिसंबर, 2024 को राष्ट्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय शैक्षिक सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण में कक्षा तीसरी, छठी और नौवीं के विद्यार्थियों का सर्वेक्षण किया गया। महाराष्ट्र के 4,314 स्कूलों, 13,930 शिक्षकों और एक लाख 23,69 विद्यार्थियों ने इस सर्वेक्षण में भाग लिया। कक्षा तीसरी, छठी और नौवीं के विद्यार्थियों का भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और क्षेत्र अध्ययन विषयों के लिए मूल्यांकन किया गया।
इस सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों का सर्वेक्षण किया गया था। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 और ‘व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024’ की तुलना करने पर यह देखा जा सकता है कि ग्रेड 9 गणित को छोड़कर औसत उपलब्धि में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हालाँकि इस सर्वेक्षण में कुछ ज़िलों में राज्य के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन अच्छा रहा है, लेकिन सर्वेक्षण से पता चला है कि माध्यमिक स्तर पर अभी भी समग्र सुधार की आवश्यकता है।
ये भी पढ़े: ‘ओम फट् स्वाहा…’! विधानमंडल की सीढ़ियों पर सरकार के खिलाफ विपक्ष की नारेबाजी
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सोलापुर, सतारा, मुंबई, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग ज़िलों ने राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। कक्षा तीन की बात करें तो लातूर, गढ़चिरौली, मुंबई उपनगरीय, नागपुर और पालघर का प्रदर्शन कमज़ोर है।
कक्षा 6 में वर्धा, छत्रपति संभाजीनगर, गोंदिया, गढ़चिरौली और रायगढ़ जिले पिछड़ रहे हैं। जबकि कक्षा 9 में अकोला, नंदुरबार, परभणी, गढ़चिरौली और मुंबई उपनगरीय जिले पिछड़ रहे हैं।
बता दें कि ‘परख’ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अंतर्गत स्थापित एक संस्थान है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य छात्र मूल्यांकन हेतु मानक और दिशानिर्देश तैयार करना है ताकि शिक्षा में समानता और गुणवत्ता में वृद्धि हो सके। संक्षेप में कहें तो ‘परख’ संस्था विद्यार्थियों के समुचित मूल्यांकन एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।