पुणे PMPML की ई-बसें (pic credit; social media)
E-buses of Pune PMPML: पुणे की सड़कों पर दौड़ रही इलेक्ट्रिक बसें जहां प्रदूषण कम करने और आधुनिक परिवहन का प्रतीक मानी जा रही हैं, वहीं अब ये बसें सुरक्षा के लिए खतरा भी बन रही हैं। पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (PMPML) की ई-बसें इतनी खामोश चल रही हैं कि पैदल यात्री और वाहन चालक इन्हें सुन ही नहीं पाते। नतीजा यह है कि अचानक सामने आ जाने से हादसों का डर लगातार बढ़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि डीजल या सीएनजी बसों की आवाज़ से लोग पहले ही सचेत हो जाते थे, लेकिन ई-बसें बिना आवाज़ के चलते-चलते अचानक सामने आ जाती हैं। खासकर व्यस्त सिग्नल, भीड़भाड़ वाले बाजार और स्कूल-कॉलेज के पास खतरा और बढ़ जाता है। कई बार लोग मोबाइल में व्यस्त रहते हैं या सड़क पार करते समय गाड़ी की आवाज़ पर निर्भर रहते हैं, ऐसे में ये खामोश बसें गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती हैं।
इसी समस्या को देखते हुए PMPML अब ई-बसों में आर्टिफिशियल व्हीकल ऑडिबल सिस्टम (AVAS) लगाने की योजना बना रहा है। इस तकनीक से बसों में कृत्रिम आवाज़ पैदा होगी, ताकि दूर से ही पैदल यात्री और अन्य वाहन चालक बस के आने का अंदाजा लगा सकें। यह तकनीक पहले से ही कई यूरोपीय और एशियाई देशों में लागू की जा चुकी है।
PMPML अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा को लेकर शिकायतें लगातार मिल रही थीं। “हम चाहते हैं कि प्रदूषण रहित यात्रा के साथ-साथ यात्रियों और आम लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। इसी वजह से सभी ई-बसों में अलर्ट सिस्टम लगाने पर विचार हो रहा है।” अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के बाद इस तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
ट्रैफिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि ई-बसों की बढ़ती संख्या के साथ यह कदम बेहद जरूरी है। अगर समय रहते अलर्ट सिस्टम नहीं लगाया गया तो पैदल यात्रियों और दोपहिया चालकों के लिए खतरा और बढ़ सकता है।
पुणे में फिलहाल PMPML के बेड़े में 500 से ज्यादा ई-बसें चल रही हैं और आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी। ऐसे में सुरक्षा उपायों का समय पर लागू होना बेहद जरूरी है।