संजय राउत (pic credit; social media)
Vice President Election 2025: देश में उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी गठबंधन INDIA ने शनिवार को अपने सांसदों के लिए मॉक पोल आयोजित किया। यह अभ्यास दोपहर 2:30 बजे पुराने संसद भवन में हुआ, जिसमें सांसदों को चुनाव प्रक्रिया से अवगत कराया गया और वास्तविक मतदान के दौरान किसी भी गलती से बचने की तैयारी कराई गई।
इससे पहले एनडीए ने भी अपने सांसदों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मॉक पोल कराया था। दोनों ही पक्ष अब अपने-अपने सांसदों को तैयार करने में जुटे हैं। लेकिन इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए बहुमत नहीं है।
संजय राउत ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद एक संवैधानिक पद है और इसके लिए सांसदों को अंतरात्मा की आवाज सुनकर मतदान करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जंग है। राउत ने विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुधर्शन रेड्डी के समर्थन में अपील करते हुए कहा कि सांसदों को राष्ट्रहित और संविधान की रक्षा को ध्यान में रखते हुए वोट देना चाहिए।
VIDEO | Delhi: On the vice-presidential election, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, “…It’s a good election. The BJP does not have the majority. We and our candidate B Sudershan Reddy appeal that all should elect to save the Constitution, and MPs must listen to their soul.… pic.twitter.com/RU22PNLQ28
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2025
संजय राउत ने एनडीए पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कल एनडीए के लिए मॉक पोल हुआ, जिसमें खुद प्रधानमंत्री मोदी शामिल थे। आज हम विपक्षी दलों का मॉक पोल कर रहे हैं। यह प्रक्रिया जरूरी है ताकि सांसद सही तरीके से मतदान कर सकें। लेकिन असली सवाल यह है कि बीजेपी का बहुमत सिर्फ दिखावा है।
उन्होंने वर्तमान हालात पर कटाक्ष करते हुए कहा, देश की हालत ठीक नहीं है। पूर्व उपराष्ट्रपति आज भी गायब हैं। यह बताता है कि लोकतंत्र में सब कुछ सही नहीं चल रहा। अगर कोई अपनी रीढ़ की हड्डी दिखाएगा तो उसे गायब कर दिया जाएगा। आने वाले उपराष्ट्रपति को भी इससे सावधान रहना चाहिए।
साफ है कि उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही पूरी ताकत झोंक चुके हैं। एक ओर एनडीए बहुमत के दम पर जीत का दावा कर रहा है, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे लोकतंत्र और संविधान की जंग के रूप में पेश कर रहा है। अब नतीजा तय करेगा कि सांसद पार्टी लाइन पर चलते हैं या अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हैं।