पुणे विद्यापीठ मामला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
पुणे: सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में लड़कियों के छात्रावास में शराब की बोतलें और सिगरेट के पैकेट मिलने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस घटना के बाद विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया है। एक तरफ जहां, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा मादक पदार्थ विरोधी अभियान चलाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय परिसर में इस तरह की घटनाओं का सामने आना प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़ा करता है।
ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या विश्वविद्यालय का छात्रावास शराब का अड्डा बन चुका है? अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए दोषी छात्राओं के साथ-साथ इस मामले को दबाने वाले विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। विश्वविद्यालय में लड़कियों के छात्रावास में रहने वाली छात्राएं शराब और सिगरेट का सेवन कर रही हैं। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।
खास बात यह है कि एक छात्रा ने शिकायत दर्ज कराते हुए यह आरोप लगाया है कि उसके रूम में रहने वाली कुछ छात्राओं ने उसे जबरन शराब पिलाने की कोशिश की। साथ ही, उसे अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा और उसके साथ गाली गलौज भी की गई। इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन की निर्षक्रयता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
हैरानी की बात यह भी है कि जिस दिन इस शिकायत पर जांच समिति की सुनवाई होनी थी, उसी दिन पूर्व महिला छात्रावास प्रमुख को हटा दिया गया। यह मात्र एक संयोग था या इसमें कोई और सच्चाई छिपी है, इसकी जांच आवश्यक है। शिकायत करने वाली छात्रा ने विश्वविद्यालय के कुलपति को दिए गए पत्र में कहा है कि उसे रैगिंग करने वाली छात्राओं को बचाने और उन्हें संरक्षण देने की कोशिश की जा रही है।
ऐसे में इस पूरे मामले की गहन जांच होगी या नहीं? दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या नहीं? इस पर पूरे विश्वविद्यालय की नजरें टिकी हुई हैं। आने वाले कुछ दिनों में इस मामले में क्या निष्कर्ष निकलता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के महादेव रंगा ने कहा विश्वविद्यालय में इस तरह की असंवेदनशील बातें बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
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पश्चिम महाराष्ट्र के विद्यार्थी राष्ट्रवादी अध्यक्ष सोमनाथ लोहार ने बताया छात्रावास को सुरक्षित और अध्ययन के लिए उपयुक्त स्थान होना चाहिए, न कि मादक पदार्थों का अड्डा इस संबंध में प्रशासन को तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
शनिवार, 22 मार्च को विश्वविद्यालय के सीनेट (अधिसभा) की बैठक होने वाली है। इससे पहले ही इस तरह की घटनाएं सामने आने से इस मुद्दे पर अधिसभा में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले में जवाब देना ही होगा। इससे पहले भी विश्वविद्यालय में मादक पदार्थ मिलने की घटनाएं हुई थीं और संबंधित छात्रों को निलंबित कर दिया गया था।