अजित पवार और शरद पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: इंदापुर तहसील में पंचायत समिति, जिला परिषद और इंदापुर नगर पालिका के चुनावों की गहमागहमी तेज हो गई है। इस स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के चुनाव में मुख्य मुकाबला अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शरदचंद्र पवार पार्टी के बीच होने जा रहा है।
यानि तहसील में स्थानीय चुनाव का जिम्मेदारी इंदापुर में हर्षवर्धन पाटिल और राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे पर है। राज्य के कृषि मंत्री के रूप में दत्तात्रय भरणे की नियुक्ति के बाद राज्य स्तर पर उनका राजनीतिक कद बढ़ा है।
मंत्री भरणे ने संकट के समय में किसानों को राज्यव्यापी समर्थन दिया और कृषि विभाग के माध्यम से प्रभावी मदद पहुंचाई। वरिष्ठ नेताओं के बीच अपनी जगह बनाने के बाद, भरणे ने अपने समर्थकों और पार्टी संगठन को इंदापुर तहसील की स्थानीय संस्थाओं को एनसीपी (अजीत – पवार) के पक्ष में मजबूत करने के लिए चुनावी तैयारी में उतार दिया है।
पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल ने विधानसभा चुनाव में असफल होने के बावजूद, नीरा-भीमा – सहकारी शुगर मिल को निर्विरोध चुनवाकर अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ प्रदर्शित की है। राष्ट्रीय सहकारी शुगर कारखाना महासंघ के अध्यक्ष के तौर पर, उन्होंने उद्योग की चुनौतियों के बीच भी अपनी विचारधारा वाले दो मिलों को सफलतापूर्वक तैयार किया है।
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किसानों को दीपावली से पहले प्रति टन सौ रुपये देने के उनके फैसले ने गन्ना उत्पादकों में काफी संतुष्टि पैदा की है। जहां दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टियां कर्जमाफी, गन्ने का मूल्य निर्धारण और आरक्षण जैसे मुद्दों पर हमलावर होकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करेंगी। इन दो ‘राष्ट्रवादी’ गुटों की सीधी लड़ाई के बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक महत्वपूर्ण निर्णायक शक्ति के रूप में उभरी है। पुणे जिला परिषद के पूर्व निर्माण सभापति प्रवीण माने ने विधानसभा चुनाव लड़ा था और उन्हें मिले मतों के साथ ही उनके हाल ही में भाजपा में शामिल होने और तेजी से काम शुरू करने से भाजपा की ताकत बढ़ी है। वर्तमान में भाजपा अकेले दम पर इंदापुर तहसील में जीत हासिल नहीं कर सकती। हालांकि, दोनों राष्ट्रवादी गुटों में से किस दिग्गज को झटका देना है, किसे हराना है और किसे जिताना है। इसका गणित तय करने की स्थिति में इस बार भाजपा आ गई है।