सुप्रिया सुले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
बारामती: पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण ने महाराष्ट्र में सहकारिता की नींव रखी थी। उनका फोटो लगाने की बजाय उनके विचारों को अपने आचरण में उतारिए। उन्होंने सत्ता का विकेंद्रीकरण किया और दूसरों को भी अवसर दिए। यह तीखा कटाक्ष एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार का नाम लिए बिना किया।
मालेगांव सहकारी चीनी मिल के चुनाव प्रचार के समापन समारोह में शरद पवार समर्थित ‘बलिराजा शेतकरी सहकार बचाव पॅनल’ के समर्थन में आयोजित सभा में सुप्रिया सुले बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि यशवंतराव चव्हाण ने सत्ता का विकेंद्रीकरण किया और दूसरों को भी अवसर दिया। सहकार और राजनीतिक पार्टी दो अलग-अलग विषय हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश सहकारी चुनावों में भी अब राजनीतिक दलों को घसीटा जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि मालेगांव चीनी मिल की स्थापना और किसानों की प्रगति में वरिष्ठ नेता शरद पवार का बड़ा योगदान है, जिसे कुछ लोग भूल गए हैं। पवार साहब के मार्गदर्शन में ‘बलिराजा पॅनल’ के उम्मीदवार अच्छा कार्य करेंगे, किसानों को पांच वर्षों तक उचित मूल्य देंगे और यह मिल सहकारी ही बनी रहेगी। पारदर्शी और साफ-सुथरे प्रशासन के लिए पॅनल के उम्मीदवारों को जीत दिलाएं।
युवा नेता युगेंद्र पवार ने कहा कि शरद पवार और सुप्रिया सुले ने कभी निजी चीनी मिल की स्थापना नहीं की। उन्होंने जानाई-शिरसाई योजना शुरू की, जिससे सूखे इलाकों के किसान भी अब गन्ना उत्पादक बने हैं। पवार साहब के सुझावों के अनुसार बिना सिंचाई क्षेत्र के किसान मालेगांव मिल के सदस्य बन गए हैं।
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सुप्रिया सुले ने पुणे जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक की बारामती शाखा को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि बैंक की शाखा रात को क्यों खुली थी? इतनी रात में वहां क्या काम हो रहा था? यह बैंक किसकी मर्जी से चल रही है? उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच के लिए संसद में एसआईटी की मांग की जाएगी।