राहुल गांधी-अजित पवार-पीएम नरेंद्र मोदी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: अभी पार्थ की कंपनी पर करीब 1800 करोड़ की 40 एकड़ की सरकारी जमीन को 300 करोड़ रुपए में खरीदने का विवाद थमा भी नहीं था कि एक और जमीन घोटाले का मामला सामने आ गया है। पार्थ से जुड़ी कंपनी पर पुणे के बोपोडी में कृषि विभाग की जमीन को अवैध तरीके से लेने का आरोप लगा है।
पुणे उप-मंडल अधिकारी प्रवीणा बोर्ड ने शुक्रवार तड़के खड़क पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें पार्थ की कंपनी के निदेशक दिग्विजय पाटिल समेत 9 लोगों के नाम शामिल हैं। पाटिल के खिलाफ 2 दिनों में यह दूसरी एफआईआर है। पहली एफआईआर कोरेगांव पार्क में 40 एकड़ जमीन की निकी से संबंधित मामले में दर्ज की गई थी जहां 1,800 करोड़ रुपये की संपत्ति कथित तौर पर 300 करोड़ रुपए में बेची गई थी।
साथ ही इस डील के लिए 21 करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी को माफ कर सिर्फ 500 रुपये का भुगतान किया गया। ऐसी रिपोर्ट है कि तहसीलदार सूर्यकांत येवले की इसमें बड़ी भूमिका थी। इस वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया। साथ ही मामला भी दर्ज किया गया। इसमें शीतल तेजवानी के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगे हैं। कोरेगांव पार्क स्थित सरकारी जमीन के लेन-देन को लेकर तेजवानी के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज हो चुका है।
डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने बेटे पार्थ घवार के जमीन घोटाले में पासने के बाद अब इस सौदे के रद्द किए जाने की जानकारी दी है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के अनुकर यह लेन-देन रद्द कर दिया गया है। अब इस मामले में जांच समिति गठित की गई है, जिससे सारी बातों का खुलासा हो जाएगा।
अजित पवार ने अपने बेटे से जुड़ी एक कंपनी पर अवैध जमीन सौदे में शामिल होने के आरोप लगने के एक दिन बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की, पवार के साथ राकांपा नेता प्रफुल पटेल और सुनील तटकरे भी थे। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में हुई यह मुलाकात लगभग 30 मिनट तक चली।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी से संबंधित भूमि सौदे में कथित अनियमितता को लेकर शुक्रवार को आरोप लगाया कि यह ‘जमीन चोरी’ उस सरकार ने की है जो ‘बोट चोरी’ से बनी है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर चुप इसलिए हैं कि उनकी सरकार इन्हीं लुटेरों पर टिकी है?
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में दलितों के लिए आरक्षित सरकारी जमीन कौड़ियों के मोल दी गई। ऊपर से स्टाम्प ड्यूटी भी हटा दी गई। मतलब एक तो लूट और उस पर कानूनी मुहर में भी छूट। ये है ‘जमीन चोरी’ उस सरकार की, जो खुद ‘वोट चोरी’ से बनी है।
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एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 12 फरवरी 2024 और 1 जुलाई 2025 के बीच तहसीलदार येवले ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर एक अवैध आदेश जारी कर बोपोडी में लगभग कृषि विभाग की 13 एकड़ जमीन को हथियाने का काम किया। आवेदक हेमंत गावंडे, राजेंद्र विधवांस, ऋषिकेश माधव विधवास, मंगल माधव विधवांस, विद्यानंद अविनाश पुराणिक, जयश्री संजय एकबोटे शीतल किशनचंद तेजवानी और दिग्विजय अमर सिंह पटिल ने अवैध आदेश और पत्र तैयार कर धोखाधड़ी की।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने एक नया बम फोड़ते हुए कहा कि डीसीएम अजित पवार के छोटे बेटे जय पवार की टैगो नाम की एक शराब कंपनी है। इस कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अजित पवार ने कई फैसले लिए है। टैंगों को बचाने के लिए डीसीएम ने उस विभाग में आबकारी विभाग का मंत्री पद भी अपने पास रखा है, ताकि उनके बेटे को फायदा हो। इस वजह से अब अजित डबल टेंशन में घिर गए है।