
अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Ajit Pawar On Pune Land Deal: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को पुणे के मुंडवा-कोरेगांव पार्क में पार्थ पवार से जुड़े जमीन के लेन-देन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह जमीन ‘महार वतन’ की है और ऐसी जमीन का बिक्री पत्र (सेल डीड) नहीं होता।
अजित पवार ने हैरानी जताई कि ऐसे में यह लेन-देन कैसे हुआ जिसका पंजीकरण ही नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमें यह देखना होगा कि क्या इस मामले में किसी का कोई दबाव था।
डीप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि ऐसी जमीन के लेन-देन से राज्य सरकार को नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अपनी हिम्मत दिखाई है, और जब जांच होगी कि उन्होंने यह कैसे किया, तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
पवार ने पुणे के बोपोडी इलाके में अपने बेटे पार्थ पवार से जुड़े एक अन्य जमीन लेन-देन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बोपोडी में हमारा किसी से कोई संबंध नहीं था, लेकिन इसमें हमारे परिवार का नाम था। दोनों ही मामलों पर खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने दोहराया कि अगर उन्हें इन लेन-देन की जानकारी होती, तो वह इन्हें नहीं होने देते।
उपमुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस मामले की गहन जांच राज्य के राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे की अध्यक्षता वाली एक छह सदस्यीय समिति करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि समिति की जांच के एक महीने के भीतर सच्चाई सामने आ जाएगी।
यह भी पढ़ें:- शरद पवार ने बताया कौन जीतेगा बिहार चुनाव, बोले- अगर NDA हारी तो मुझे हैरानी नहीं होगी
पार्थ पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने के सवाल पर, अजित पवार ने कहा कि उन्होंने राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का बयान देखा है। मंत्री के अनुसार, इस लेन-देन के समय पंजीकरण कार्यालय में मौजूद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
एफआईआर में जिन नामों का जिक्र है, उनमें अमेडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता दिग्विजय पाटिल (जो पार्थ पवार के चचेरे भाई हैं), मूल जमीन मालिकों के वंशजों के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी धारक शीतल तेजवानी, जिन्होंने बिक्री में मदद की, और सौदा दर्ज करने वाले उप-पंजीयक रवींद्र तारू शामिल हैं। राजस्व विभाग ने इस लेन-देन में उनकी भूमिका के लिए उप-पंजीयक रवींद्र तारू और तहसीलदार सूर्यकांत येवाले को पहले ही निलंबित कर दिया है।
इससे पहले, उपमुख्यमंत्री के चाचा और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि यह एक गंभीर मुद्दा है, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए और समाज के सामने असली तस्वीर पेश की जानी चाहिए। शरद पवार ने यह भी कहा कि अब यह देखना होगा कि सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट से क्या मुद्दे सामने आते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






