कांग्रेस नेता सुनील केदार
नई दिल्ली/नागपुर. नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (एनडीसीसी) घोटाले में दोषी करार दिए गए कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने शुक्रवार को केदार की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।
इससे पहले सुनील केदार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए, जहां उन्हें आज निराशा हाथ लगी।
ज्ञात हो कि एनडीसीसी घोटाले में पिछले साल नागपुर सेशन कोर्ट ने केदार 5 वर्षों के सश्रम कारावास और 12.50 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस सजा के चलते केदार की विधायकी रद्द कर दी गई है। नियमों के मुताबिक केदार अगले 6 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार 2 वर्ष से अधिक की सजा होने पर कोई प्रतिनिधि चुनाव नहीं लड़ सकता।
बता दें कि इस साल अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। इसी के चलते केदार ने सजा पर रोक लगवा के लिए पूरी ताकत लगा दी।
गाैरतलब है कि एनडीसीसी घोटाला 150 करोड़ रुपये का है, जो 2002 हुआ था। इस दाैरान मुंबई, अहमदाबाद और कोलकाता की कुछ कंपनियों ने एनडीसीसी बैंक से 150 करोड़ रुपये के सरकारी बांड खरीदे थे। इसके बाद इन कंपनियों ने बैंक को रकम नहीं लौटाई और सरकारी बांड भी नहीं दिए।
यह घोटाला सामने आने के बाद राज्य अपराध जांच विभाग के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले ने इसकी जांच शुरू की। उन्होंने 22 नवंबर 2002 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष सुनील केदार समेत 9 लोगों को आरोपी बताया गया। इस मामले में 4 राज्यों में 19 जगहों पर अपराध दर्ज किए गए थे। जिसके बाद मांग की गई कि विभिन्र राज्यों के सभी मुकदमों की सुनवाई एक ही जगह होनी चाहिए।
यह मामला नवंबर 2002 से लंबित था। नागपुर सेशन कोर्ट ने इस मामले पर फैसला पिछले साल 22 दिसंबर 2023 सुनाया। कोर्ट ने सुनील केदार समेत 6 लोगों को दोषी ठहराया था और 5 साल जेल की सजा सुनाई थी। जबकि अन्य तीन को पुख्ता सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।