वन्यजीव उपचार केंद्र में मौजूद तेंदूआ (फोटो नवभारत)
Nashik Wildlife Rescue Center: नासिक शहर और जिले के विभिन्न हिस्सों में तेंदुए दिखने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। इन तेंदुओं को पकड़ने के लिए वन विभाग लगातार कई उपाय कर रहा है। वन्यजीव और मानव संघर्ष में पकड़े गए तेंदुओं के साथ-साथ अनाथ शावक, सड़क दुर्घटनाओं में घायल तेंदुए और अन्य वन्य प्राणियों के इलाज के लिए वन विभाग ने नासिक के म्हसरूल में एक वन्यजीव उपचार केंद्र शुरू किया है। वर्तमान में, इस केंद्र में 14 तेंदुओं सहित अन्य छोटे-बड़े वन्य प्राणी मौजूद हैं।
जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने आज इस केंद्र का दौरा कर निरीक्षण किया। वन विभाग के म्हसरूल क्षेत्र में स्थित इस उपचार केंद्र में फिलहाल 14 तेंदुए हैं, जिनमें नासिक शहर और जिले भर से पिंजरा लगाकर पकड़े गए तेंदुए भी शामिल हैं। इसके अलावा, लोमड़ी (कोल्हे), भेड़िया (लांडगे), लकड़बग्घा (तरस) जैसे अन्य वन्य प्राणी भी यहाँ हैं। इस उपचार केंद्र में ‘रेस्क्यू’ नामक वन्यजीव क्षेत्र में कार्यरत एक स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से दवा उपचार और देखभाल की जाती है।
राज्य सरकार के वन विभाग ने वन्य प्राणियों के संरक्षण के संबंध में ‘रेस्क्यू चैरिटेबल ट्रस्ट’ के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है। इस केंद्र में, समृद्धि महामार्ग के पास घायल अवस्था में मिली मादा तेंदुए का नाम ‘समृद्धि’ रखा गया है, और अपनी मां से बिछड़ी मादा शावक का नाम ‘परी’ रखा गया है।
वन्यजीवों के इलाज के लिए वन विभाग और ‘रेस्क्यू’ संस्था के सदस्य 24 घंटे तैनात रहते हैं। इस केंद्र में 2 पशु चिकित्सा अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारी इन प्राणियों के स्वास्थ्य का लगातार ध्यान रखते हैं। उनका दैनिक आहार सुनिश्चित किया जाता है। वन्यजीव उपचार केंद्र में गहन चिकित्सा इकाई (ICU) और शल्य चिकित्सा गृह (ऑपरेशन थिएटर) जैसी आवश्यक सुविधाएं कार्यरत हैं।
नासिक कलेक्टर आयुष प्रसाद ने आज सुबह वन विभाग के इस वन्यजीव उपचार केंद्र का दौरा किया और निरीक्षण किया। इस दौरान उप वन संरक्षक राकेश सेपट (पूर्व) और सिद्धेश सावर्डेकर (पश्चिम) के साथ ‘रेस्क्यू’ संस्था के सदस्य भी उपस्थित थे।
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जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने कहा कि तेंदुए के अनाथ शावकों, घायल तेंदुओं सहित अन्य वन्य प्राणियों को वन विभाग के वन्यजीव उपचार केंद्र में लाया जाता है। यहाँ उनका इलाज और देखभाल की जाती है। इस उपचार केंद्र के विस्तार और आवश्यक सुविधाओं के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से निश्चित रूप से सहयोग किया जाएगा।
उप वन संरक्षक सिद्धेश सावर्डेकर ने बताया कि नासिक में वन विभाग ने वन्यजीव उपचार केंद्र शुरू किया है। इस उपचार केंद्र में ‘रेस्क्यू’ संस्था की मदद से वन्यजीवों पर आवश्यक उपचार किए जाते हैं।