पत्रकारों पर जानलेवा हमले से त्र्यंबकेश्वर में हड़कंप! मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
Nashik News: देवस्थानों और तीर्थस्थलों पर होने वाली अवैध और अनियमित पार्किंग वसूली हमेशा से चर्चा का विषय रही है। अक्सर स्थानीय वसूली करने वाले लोग जबरन और मनमानी तरीके से श्रद्धालुओं से पैसे वसूलते हैं। नाशिक जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल त्र्यंबकेश्वर में शनिवार (20 सितंबर 2025) को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई।
यहां इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कुछ पत्रकारों पर कुछ गुंडों ने बेरहमी से हमला कर दिया। इस हमले में ३ से ४ पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, और उनका इलाज त्र्यंबकेश्वर के सरकारी अस्पताल तथा नाशिक के निजी अस्पताल में चल रहा है। इस घटना की पूरे राज्य में कड़ी निंदा की गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इसके बाद, पुलिस ने आखिरकार आरोपियों के खिलाफ पत्रकार सुरक्षा कानून, जान से मारने की कोशिश और दंगा भड़काने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में स्वामी समर्थ केंद्र के पास एक मेहराब के पास पार्किंग शुल्क की वसूली को लेकर पत्रकारों और कुछ गुंडों के बीच बहस हुई, जिसके बाद उन पर हमला किया गया। जब पत्रकार वहां आगामी सिंहस्थ कुंभमेळा से संबंधित संत-समागम की कवरेज के लिए गए थे, तो गाड़ियों के प्रवेश के लिए रसीद काट रहे कुछ लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। इस हमले में तीन से चार पत्रकार घायल हो गए, जिन्हें तुरंत त्र्यंबकेश्वर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से एक की हालत गंभीर है और उनका इलाज आईसीयू में चल रहा है। घायल पत्रकारों में ज़ी २४ तास के योगेश खरे, पुढारी न्यूज़ के किरण ताजणे, अभिजीत सोनवणे शामिल हैं। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री (उपमुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है, जिसके बाद त्र्यंबकेश्वर पुलिस स्टेशन में पत्रकारों पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ पत्रकार सुरक्षा कानून, जान से मारने की कोशिश और दंगा भड़काने के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीन लोगों—प्रशांत राजू सोनवणे, शिवराज धनराज आहेर और ऋषिकेश योगेश गांगुर्डे को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उनके साथियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि जान से मारने की नीयत से लात-घूंसे, पत्थर और छाते के डंडे से उन पर हमला किया गया।
इस घटना ने महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने इसे “लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला” बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने भी घटना की निंदा की और पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने निजी अस्पताल में एक घायल पत्रकार से मुलाकात भी की। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने नाशिक (ग्रामीण) एसपी बालासाहेब पाटिल से बात कर तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए। गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने भी दोषियों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया।
अखिल भारतीय मराठी पत्रकार परिषद, पत्रकार विरोधी हल्ला कृती समिति और डिजिटल मीडिया कौन्सिल जैसे संगठनों ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून को तत्काल लागू करने की अपील की। परिषद के सरचिटणीस एस.एम. देशमुख ने कहा कि यह हमला मीडिया की स्वतंत्रता पर खतरा है।
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नाशिक में पत्रकारों पर हुए इस हमले की बच्चू कडू ने भी निंदा की है। पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए, बच्चू कडू अब उनके समर्थन में आगे आए हैं। उन्होंने कहा, “पत्रकार लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करते हैं, और हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। पत्रकारों को डरना नहीं चाहिए। पत्रकार के रूप में वे लोकतंत्र को जीवित रखने का काम करते हैं।” बच्चू कडू ने पत्रकारों के इस काम को सलाम भी किया।यह घटना त्र्यंबकेश्वर जैसे पवित्र स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है। पुलिस जांच जारी है, और उम्मीद है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।