ऑनलाइन दर्ज कराएं कंप्लेंट (pic credigt; social media)
E-Gram Swaraj app: गांव के विकास के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपये फंड देती है, लेकिन आम नागरिकों को अक्सर यह जानकारी ही नहीं मिलती कि यह पैसा कहां खर्च हुआ। इस कमी के कारण ग्रामीणों के मन में पंचायतों और प्रशासन के प्रति सवाल उठते रहते हैं। अब इस समस्या का समाधान तकनीक के जरिये होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया ‘ई-ग्राम स्वराज’ ऐप इस दिशा में एक बड़ा बदलाव लेकर आया है।
यह ऐप ग्राम पंचायतों के सभी वित्तीय लेन-देन को ऑनलाइन और पारदर्शी बना रहा है। यानी अब हर ग्रामीण आसानी से देख सकेगा कि उसके गांव में कितनी राशि आई और वह किन कामों पर खर्च हुई। चाहे वह सड़क निर्माण हो, स्कूल मरम्मत हो या अन्य विकास कार्य, हर योजना का पूरा ब्योरा इस ऐप पर उपलब्ध है।
स्थानीय नागरिकों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब ग्राम पंचायत का कामकाज खुलकर सामने आएगा और जनता को यह समझना आसान होगा कि उनके टैक्स और सरकारी योजनाओं से मिले पैसों का सही उपयोग हुआ है या नहीं।
इस ऐप में आगे और भी नई सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। ग्रामसभा की बैठकों की जानकारी, लिए गए फैसले और गांव के विकास से जुड़े दस्तावेज भी इसमें दर्ज किए जाएंगे। यानी पंचायत का हर फैसला और खर्च अब ग्रामीणों की नज़र में होगा।
ग्राम पंचायत को फंड कहां से मिलता है, यह भी एक अहम सवाल है। विकास कार्यों के लिए पंचायतों को केंद्र और राज्य सरकार की 1100 से अधिक योजनाओं से पैसा मिलता है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कुल राशि का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देती है। वहीं, राज्य प्रायोजित योजनाओं का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाती है। इसके अलावा जिला परिषद, पंचायत समिति, सीएसआर निधि और निजी भागीदारी से भी कई योजनाएं चलाई जाती हैं।
‘ई-ग्राम स्वराज’ ऐप की खासियत यह है कि यह हर ग्रामीण को अपनी पंचायत का प्रहरी बना देता है। अब किसी भी नागरिक के लिए यह देखना बेहद आसान है कि गांव में कौन-सा काम किस योजना से और कितनी राशि में हुआ।
यह कदम न सिर्फ पंचायतों के कामकाज को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि जवाबदेही भी तय करेगा। ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण की दिशा में यह ऐप एक शक्तिशाली उपकरण बनकर उभर रहा है, जो भरोसा और विश्वास दोनों बढ़ाएगा।