लक्ष्मण हाके, शरद पवार (pic credit; social media)
Laxman Hake attack ON Sharad Pawar: ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके ने अपने भाषण में शरद पवार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, “शरद पवार हमारे वोट लेते हैं और जरांगे का समर्थन करते हैं। उन्होंने ही मनोज जरांगे को मैदान में उतारा और महाराष्ट्र की गर्दन पर जरांगे नाम का भूत बिठा दिया है।” हाके ने आगे कहा कि मंडल आयोग पूरे देश में लागू हुआ, लेकिन महाराष्ट्र में इसे लागू करने में जानबूझकर टालमटोल की गई। हाके ने आरोप लगाया कि शरद पवार ने संस्थाओं पर कब्जा कर अपने राजनीतिक हित साधे।
इसी बीच वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर को मंच पर ही फोन आया और बातचीत करते हुए उन्होंने सभा को संबोधित किया। आंबेडकर ने कहा, “यह जबरदस्ती का आरक्षण है। अब समय आ गया है कि हमें सड़कों पर उतरना होगा।” उनके इस बयान से ओबीसी आंदोलन की तीव्रता बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
दूसरी ओर, अस्पताल में भर्ती मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मंत्री छगन भुजबल की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि मराठा समाज ने किसी का हक नहीं छीना है। जरांगे ने कहा, “मराठा समुदाय 1881 से आरक्षण का हिस्सा है। हमने घुसपैठ नहीं की बल्कि आधिकारिक प्रवेश किया है। सरकार से चर्चा हो चुकी है और जीआर लागू होना तय है।”
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जरांगे ने यह भी स्पष्ट किया कि मराठा समाज शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबई में मराठा समाज एकजुट होकर गया और विजय हासिल कर लौटा। “मुझे समझ नहीं आता कि मराठा नेता मेरे खिलाफ क्यों बोल रहे हैं, लेकिन हमें अपने अधिकार मिल गए हैं,” जरांगे ने कहा।
इस बीच छगन भुजबल ने आरक्षण में मराठा समाज की घुसपैठ का आरोप लगाया था। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए जरांगे ने कहा कि सत्ता का आनंद लेने वालों को अब आरक्षण की चिंता हो रही है।
इस पूरी बहस ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। एक ओर ओबीसी समुदाय शरद पवार और सरकार के खिलाफ लामबंद हो रहा है तो दूसरी ओर मराठा समाज अपने आंदोलन को जीत बता रहा है। आने वाले दिनों में यह टकराव और बढ़ने के आसार