विधानसभा चुनाव के लिए नासिक पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से की उम्मीदवार की घोषणा
नासिक: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में माहौल गरमा गया है। लोकसभा चुनाव में मिली असफलता के लिए महायुति ने कमर कस ली है, वहीं महाविकास अघाड़ी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन इस चुनाव में सबसे बडी स्पर्धा सीट बंटवारे को लेकर होने वाली है। महाविकास अघाड़ी में फूट हो गई है। सीट बंटवारे पर बातचीत से पहले, ठाकरे समूह ने नासिक में अपने पहले उम्मीदवार की घोषणा कर दी है।
शिवसेना की बैठक में एक सर्वसम्मती से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। शिवसेना ठाकरे गुट ने नासिक पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से सुधाकर बडगुजर और मध्य निर्वाचन क्षेत्र से वसंत गिते का नाम तय किया गया है। इससे एमवीए में विवाद बढ़ने की आशंका है। महाविकास अघाड़ी में शरद पवार गुट और कांग्रेस की भूमिका पर सबकी नजर है। बुधवार को रंगशारदा में शिवसैनिकों की सभा कर उद्धव ठाकरे ने विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। लेकिन नासिक में उम्मीदवारों की घोषणा से राजनीति में हलचल मच गई है। कहा जा रहा है कि शरद पवार गुट और कांग्रेस उद्धव ठाकरे से अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे।
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वहीं, दूसरी तरफ सुनील तटकरे के नासिक दौरे के बाद महायुति में तनाव बढ़ गया है। नरहरी जिरवाल की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद महायुति में तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि शिंदे गुट के नेता और दिंडोरी के पूर्व विधायक धनराज महाले नाराज हैं। धनराज महाले ने सवाल उठाया है कि तटकरे को अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा है कि उम्मीदवारी पर फैसला तीनों दलों के वरिष्ठ नेता लेंगे।
धनराज महाले ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं और इसकी शिकायत पार्टी के वरिष्ठों से करेंगे। धनराज महाले ने दावा किया है कि पार्टी में शामिल होते ही मुख्यमंत्री ने उनसे वादा किया है। उन्होंने यह भी गंभीर आरोप लगाया है कि झिरवाल परिवार ने लोकसभा में विरोधी भुमिका निभाई है।