सिंहस्थ कुंभ मेला (pic credit; social media)
Simhastha Kumbh Mela: सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर प्राधिकरण ने फंड वितरण की नई सख्त नीति लागू की है। प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं संभागीय आयुक्त डॉ. प्रवीण गेडाम ने बताया कि अब किसी भी कार्य की अगली किश्त केवल उसकी गुणवत्ता और प्रगति के आधार पर ही दी जाएगी।
नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य समय, गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। प्राधिकरण यह रोकना चाहता है कि किसी एजेंसी को कार्य की लागत से अधिक फंड मिल जाए और ठेकेदार समय पर भुगतान प्राप्त कर सकें।
अधिनियम 2025 की धारा 15 के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि फंड वितरण कठोर चरणों में हो और किसी भी कार्य की गुणवत्ता या गति संतोषजनक न होने पर किश्त रोकी जाए।
प्रारंभिक वितरण के लिए कार्य की गहन जांच की जाएगी। इसके लिए तृतीय-पक्ष निरीक्षण प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा और इसका खर्च प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाएगा। पहली किश्त के रूप में कुल राशि का 20 प्रतिशत जारी होगा, जिसमें से 15 प्रतिशत सीधे ठेकेदार को भुगतान करना होगा। अगली किश्त इसी प्रक्रिया के आधार पर दी जाएगी।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि किसी कार्य के लिए दी गई निधि को अन्यत्र उपयोग नहीं किया जा सकता। अध्यक्ष की अनुमति के बिना फंड हस्तांतरण की अनुमति नहीं होगी। विशेष परिस्थितियों में मोबिलाइजेशन अग्रिम जैसे भुगतान मामले-दर-मामला आधार पर किए जाएंगे।
इस व्यवस्था से न केवल फंड का दुरुपयोग रोका जाएगा बल्कि कार्यान्वयन एजेंसियों और ठेकेदारों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। प्राधिकरण का मानना है कि यह नीति सिंहस्थ मेले की समय पर, व्यवस्थित और गुणवत्ता पूर्ण तैयारियों के लिए जरूरी है।