नासिक में रावण दहन (pic credit; social media)
Ravana Effigy Burnt in Nashik: जय श्रीराम’ के जयकारों और जोरदार आतिशबाजी के बीच नासिक में दशहरा धूमधाम से मनाया गया। विजयादशमी के मौके पर शहर के विभिन्न हिस्सों में विशाल रावण पुतले जलाए गए और भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
गंगापुर रोड पर 60 फीट, रामकुंड पर 51 फीट और गांधीनगर में 50 फीट ऊंचे रावण पुतले को धधकते आग में झोंककर दहन किया गया। रामकुंड पर सदियों पुरानी परंपरा के तहत रावण दहन किया गया। पंचवटी इलाके से श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, जाम्भवंत, रावण, विभीषण और वानर सेना के रूप में सजी भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा के रामकुंड पहुंचने पर ‘राम नाम’ के जयघोष के बीच रावण के पुतले को जलाया गया। इस आयोजन का नेतृत्व चतु: संप्रदाय अखाड़े के महंत श्रीकृष्ण चरणदास गुरु दीनबंधुदासजी महाराज और बालाजी भक्त मंडल ने किया।
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गंगापुर रोड पर महिलाओं ने पूजा के बाद रावण दहन किया, जिसमें शानदार आतिशबाजी ने माहौल को और भव्य बना दिया। गांधीनगर में बांस की खपच्चियों और अन्य सामग्री से बने 50 फीट ऊंचे रावण पुतले को जलाया गया। काठे गली में भी 51 फीट ऊंचे रावण पुतले का भव्य दहन हुआ।
इस साल के रावण दहन में पर्यावरण की चिंता का भी ध्यान रखा गया। पुतले बनाने के लिए बांस, रस्सी, कार्डबोर्ड और जूट जैसी प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल किया गया। आतिशबाजी में भी ग्रीन पटाखों का उपयोग किया गया ताकि पर्यावरण पर कम से कम असर पड़े।
शहरवासियों ने इस अवसर पर उत्सव का भरपूर आनंद लिया। बच्चे और बुजुर्ग दोनों ही शोभायात्रा और रावण दहन का मजा लेते दिखे। नाशिक के दशहरा उत्सव ने धार्मिक भावना और सांस्कृतिक रंग दोनों को जीवंत बनाए रखा। रावण दहन के दौरान सुरक्षा और पर्यावरण दोनों का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे नागरिकों ने आनंद के साथ उत्सव में भाग लिया।