रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (सोर्स: सोशल मीडिया)
Rajnath Singh In Nashik: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आने वाले समय में पूरी तरह आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेशी सैन्य आपूर्ति पर निर्भरता सामरिक कमजोरी का कारण बन सकती है, इसलिए सरकार का लक्ष्य घरेलू रक्षा विनिर्माण को 100 प्रतिशत तक ले जाना है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात नासिक में तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)-एमके1ए की तीसरी उत्पादन पंक्ति और स्वदेशी प्रशिक्षण विमान एचटीटी-40 की दूसरी विनिर्माण सुविधा के उद्घाटन के अवसर पर कही।
इन नई उत्पादन इकाइयों से हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और कम से कम 24 एलसीए विमानों के निर्माण की उम्मीद जताई गई है।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि एक समय था जब भारत अपनी 65 से 70 प्रतिशत रक्षा आवश्यकताओं के लिए विदेशी देशों पर निर्भर था। लेकिन आज देश ने बड़ी प्रगति की है और लगभग 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण अब भारत में ही निर्मित हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा 100 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
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सिंह ने बताया कि भारत का रक्षा निर्यात अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है। कुछ वर्ष पहले जहां रक्षा निर्यात 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था, वहीं अब यह 25,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2029 तक घरेलू रक्षा उत्पादन को 3 लाख करोड़ रुपये और रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह न केवल भारत की सामरिक स्वतंत्रता को सुदृढ़ करेगा, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में देश को एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)