नितेश राणे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nitesh Rane Statement Regarding Nashik Kumbh Mela Hindu Shops: महाराष्ट्र के मत्स्य व्यवसायमंत्री (Fisheries Minister) नितेश राणे ने नासिक-त्र्यंबकेश्वर में 2027 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ-कुंभमेले के संबंध में अपनी स्पष्ट मांग रखी है। गुरुवार को नासिक दौरे पर विभिन्न बैठकों में भाग लेने के बाद मंत्री राणे ने एक बयान दिया, जिसके बाद राज्य में सियासी बवाल शुरू हो गया।
हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले मंत्री नितेश राणे ने किा कि कुंभमेला शुरू होने के बाद हर जगह सिर्फ हिंदुओं की दुकानें लगनी चाहिए। उन्होंने सीधे सवाल किया कि इस जगह गोल टोपी और दाढ़ी वाले क्यों चाहिए?
नासिक-त्र्यंबकेश्वर में 2027 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ-कुंभ मेले में केवल हिंदुओं की दुकानें लगेंगी। राज्य के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने अपील की है कि हिंदुओं सहित स्थानीय लोगों को सतर्क रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर जगह केवल हिंदुओं की दुकानें ही स्थापित हों और किसी अन्य को कोई स्थान न दिया जाए।
मंत्री नितेश राणे ने यह भी सुझाव दिया कि हिंदू धर्मियों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने चिंता जताई कि दुकानदार बाहर नाम बदलकर अंदर कोई और व्यक्ति बैठा सकता है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या हिंदू लोग अन्य धर्मों के प्रार्थना स्थलों के पास कुछ बेचने जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुंभमेले की पृष्ठभूमि को देखते हुए हिंदू समाज, साधु-संतों को सतर्क रहना चाहिए।
मंत्री राणे ने ठाकरे बंधुओं और विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय विपक्ष ने यह प्रश्न नहीं उठाया था। उन्होंने दावा किया कि जब विधानसभा चुनाव में हिंदू समाज ने बाहर आकर बड़ी संख्या में मतदान किया, तब विपक्ष को यह बात चुभने लगी।
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नितेश राणे ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने यह सवाल नहीं उठाया कि इतना बड़ा ‘वोट जिहाद’ कैसे हो रहा है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक व्यक्ति ने बुरका पहनकर 14 बार मतदान किया और सवाल किया कि एक मोहल्ले से इतना अधिक मतदान कैसे हुआ।
मंत्री राणे ने विपक्ष पर केवल हिंदू धर्मियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने ठाकरे बंधुओं को चुनौती दी कि वे मोहम्मद अली रोड और मालेगांव जैसे क्षेत्रों में मतदाता सूचियों में विशिष्ट नाम दो बार या चार बार कैसे दोहराए गए हैं, यह पूछने की हिम्मत दिखाएं। उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे में ऐसी हिम्मत थी।