पुराने नासिक में आवारा और छुट्टा कुत्तों का बढ़ता आतंक
Nashik News: शहर के कथडा इलाके में आवारा और खुले कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे नागरिकों में दहशत का माहौल है । जगह-जगह आवारा कुत्तों के गिरोह देखे जा रहे हैं, जो लोगों को डरा रहे हैं । नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि वह इस समस्या का समाधान करे और आवारा कुत्तों को पकड़कर उनके लिए ठोस प्रबंधन की व्यवस्था करे । नागरिकों की मांग है कि प्रशासन को आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखने की व्यवस्था करनी चाहिए ।
आवारा कुत्तों के लिए ठोस प्रबंधन की व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें उनकी देखभाल और स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखा जाए । साथ ही, नसबंदी और टीकाकरण की व्यवस्था की जाए ताकि उनकी संख्या पर नियंत्रण रखा जा सके और नागरिकों को रेबीज जैसी बीमारियों से बचाया जा सके।
शहर के पार्कों और सड़कों पर भी आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे लोगों को चलने-फिरने में असुविधा हो रही है । कुत्तों के हमलों की घटनाएं भी बढ़ रही हैं, जिससे लोग घायल हो रहे हैं और कुछ मामलों में रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, प्रशासन को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और तय दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए । लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है ।
समाज सेवक जुबेर हाशमी ने कहा कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या नागरिकों, खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद परेशानी का सबब बन रही है । बाइकों के पीछे दौड़ने वाले कुत्ते दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं । कुत्तों पर दया दिखाना तो जायज़ है, लेकिन नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा भी उतनी ही ज़रूरी है ।
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मनपा के माध्यम से आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन यह कार्य ज़्यादातर कागज़ों तक ही सीमित है । पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई बार नसबंदी केंद्रों का निरीक्षण कर इस अव्यवस्था की ओर प्रशासन का ध्यान दिलाया है ।