नासिक कुंभ (फाइल फोटो)
Nashik Simhastha Kumbh: नासिक सिंहस्थ कुंभमेला महोत्सव के लिए साधूग्राम और उससे जुड़ी अन्य सुविधाओं हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नासिक मनपा विकास योजना के अनुसार कुंभमेला के लिए लगभग 377 एकड़ भूमि आरक्षित की गई थी, जिसमें से 94 एकड़ का अधिग्रहण मनपा द्वारा पूरा किया जा चुका है। शेष 283 एकड़ भूमि का अधिग्रहण अभी बाकी है।
महाराष्ट्र शासन ने कुंभमेला महोत्सव की तैयारियों को देखते हुए आरक्षित क्षेत्र के अधिग्रहण का अधिकार नासिक त्र्यंबकेश्वर कुंभमेला प्राधिकरण को सौंपा है। प्राधिकरण ने मनपा को निर्देश दिए हैं कि वह अधिग्रहण संबंधी कार्रवाई को आगे बढ़ाए।
अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत नासिक मनपा ने पहले भूमि मालिकों और संस्थानों का पक्ष सुनने के लिए सुनवाई आयोजित की। आरक्षित क्षेत्र के लगभग 67 एकड़ भूमि विभिन्न 13 सार्वजनिक ट्रस्टों और संस्थानों के पास है। इन संस्थानों ने सुनवाई में स्पष्ट किया कि उनके पास मौजूद भूमि पर वर्तमान में मंदिर, सभामंडप और गोशाला जैसी संरचनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि इन भूमियों का धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, सिंहस्थ कुंभमेला के दौरान खाली जगह का उपयोग मंदिरों से जुड़े अखाड़ों और साधुओं के निवास के लिए भी किया जाता है। इसलिए संस्थानों ने इस भूमि के हस्तांतरण का विरोध किया और मनपा से अधिग्रहण कार्रवाई रद्द करने की मांग की।
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इस प्रकार, नासिक कुंभमेला के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है, जिसमें धार्मिक और सामाजिक हितों का संतुलन बनाए रखना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।