नासिक पुलिस (pic credit; social media)
Nashik Police Surgical Strike: नासिक में बढ़ते अपराधों और राजनीतिक संरक्षण के चलते जनता में असुरक्षा का माहौल बन गया था। इसे देखते हुए पुलिस कमिश्नर संदीप कर्णिक ने अब सीधे मैदान में उतरकर अपराधियों और उन्हें समर्थन देने वाले राजनीतिक नेताओं पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
हाल ही में गंगापुर और सातपुर में हुई दो अलग-अलग गोलीबारी की घटनाओं के तुरंत बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारी की। भाजपा नेता सुनील बागुल के भतीजे अजय बागुल को गिरफ्तार किया गया है, वहीं हाल ही में ठाकरे गुट छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मामा राजवाड़े को भी नाशिक पुलिस ने दबोच लिया। क्राइम ब्रांच ने राजवाड़े से 15 घंटे तक गहन पूछताछ की, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई।
राजवाड़े को भाजपा नेता सुनील बागुल का करीबी माना जाता है। आरपीआई के जिलाध्यक्ष लेदि और उनके बेटे को भी गिरफ्तार किया गया। नासिक पुलिस की इस सर्जिकल स्ट्राइक से लंबे समय से बढ़ते अपराध से परेशान आम नागरिकों को कुछ हद तक राहत मिली है।
अब यह देखना अहम होगा कि पुलिस केवल मामलों की दर्ज करने तक सीमित रहती है या इन राजनीतिक रूप से जुड़े आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को अंत तक लेकर कड़ी सजा सुनिश्चित करती है, ताकि अपराध और उसके संरक्षण की जड़ें समाप्त हों।
साथ ही गंगापुर रोड पर अंबादास जाधव द्वारा लगाए गए अनधिकृत बिलबोर्ड पर पूर्व पार्षद योगेश शेवरे और विक्रम नागरे की तस्वीर लगी थी। दोनों नेता मनसे और भाजपा से शिंदे गुट में शामिल हुए थे। इसके चलते महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण नियमों के तहत वाड़ा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया।
पुलिस कमिश्नर संदीप कर्णिक का यह संदेश स्पष्ट है कि शहर में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मामा राजवाड़े की गिरफ्तारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाशिक दौरे से ठीक पहले हुई थी, जो उनके राजनीतिक प्रवेश और आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े सवालों को लेकर उठ रही थी।