नासिक मनपा टेंडर पर सवाल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik Municipal Corporation: आगामी मनपा चुनाव की पृष्ठभूमि में नासिक का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए मनपा प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
शिवसेना (शिंदे गुट) के महानगर प्रमुख प्रवीण (बंटी) तिदमे ने नासिक मनपा की दो अलग-अलग टेंडर प्रक्रियाओं में गंभीर खामियों पर आपत्ति जताते हुए मनपा आयुक्त से सवाल किए हैं। उन्होंने इन नियम-विरुद्ध टेंडरों को तत्काल रद्द करने और नासिकवासियों के पैसे के उचित उपयोग के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की मांग की है।
तिदमे ने आरोप लगाया है कि मनपा ने 24 पार्किंग स्थलों के लिए एक साथ संयुक्त टेंडर जारी किया है। उनका कहना है कि इस एकमुश्त टेंडर के कारण स्थानीय और छोटे ठेकेदारों, साथ ही बेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है, क्योंकि बड़े ठेकेदारों को छोड़कर छोटे और मध्यम ठेकेदारों को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया गया है।
प्रवीण (बंटी) तिदमे ने पपैया नर्सरी सिग्नल से एक्सएलओ चौक और एक्सएलओ चौक से गरवारे चौक तक दो महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण टेंडर पर कड़ी आपत्ति जताई है।
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उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा है कि इन दोनों सड़कों पर भारी औद्योगिक यातायात होता है, लेकिन टेंडर में इस भारवाहक यातायात और तकनीकी मानकों पर विचार नहीं किया गया है।
तकनीकी नियम उल्लंघन: भारवाहक सड़कों का निर्माण करते समय, इंडियन रोड्स कांग्रेस (IRC) और सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार ईएसएएल (इक्विव्हॅलेंट सिंगल ॲक्सल लोड) और सीबीआर (कैलिफ़ोर्निया बेयरिंग रेशियो) जैसे परीक्षण अनिवार्य हैं। तिदमे ने आरोप लगाया कि टेंडर में इन महत्वपूर्ण परीक्षणों और यातायात भार का कोई उल्लेख नहीं है। शिंदे गुट ने चेतावनी दी है कि यदि ये टेंडर तत्काल रद्द नहीं किए गए और उनमें सुधार नहीं किया गया, तो मनपा प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।