प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Farmers Compensation Hindi News: नाशिक आगामी कुंभ मेले के मद्देनजर नाशिक के चारों ओर बनने वाले ‘परिक्रमा मार्ग’ (रिंग रोड) प्रोजेक्ट ने रपतार पकड़ ली है।
जिला कलेक्टर आयुष प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जमीन देने वाले किसानों को सरकारी नियमों के तहत अधिकतम मुआवजे का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए तलाठी और ग्रामसेवकों को सीधे किसानों से संवाद करने के निर्देश दिए हैं।
कुंभ मेले के दौरान नासिक शहर की मौजूदा सड़कों और सार्वजनिक व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है। इसी समस्या के समाधान के लिए रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है- यह परिक्रमा मार्ग प्रस्तावित वाढवण (तवा) नासिक एक्सप्रेसवे और नासिक-चेन्नई एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ेगा।
शहर में प्रवेश किए बिना ही भारी वाहन बाहर से गुजर सकेंगे, जिससे नासिक को ट्रैफिक जाम से स्थाई मुक्ति मिलेगी। नासिक एक प्रमुख धार्मिक, औद्योगिक और पर्यटन केंद्र है। रिंग रोड बनने से शहर के बाहरी इलाकों के विकास को नई दिशा मिलेगी।
जमीन अधिग्रहण को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रम को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष रणनीति बनाई है- कलेक्टर ने तलाठी और ग्रामसेवकों से कहा है कि वे किसानों को ‘सीधी खरीदारी’ के फायदों के बारे में समझाएं, जिससे उन्हें तत्काल और अधिक मुआवजा मिल सके।
प्रशासन ने साफ किया है कि विरोध करने से मुआवजा नहीं बढ़ता, बल्कि आपसी सहयोग से किसानों को समय पर और सही दाम दिलाना संभव होगा। सातबारा पर दर्ज मृत व्यक्तियों के नाम हटाने और वारिसों के नाम चढ़ाने की प्रक्रिया को भी तुरंत पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
परिक्रमा मार्ग के दायरे में आने वाले पैसा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि वे जमीन अधिग्रहण के संबंध में तत्काल ‘ग्राम सभा’ के प्रस्ताव पारित करवाएं।
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बैठक के दौरान उपविभागीय अधिकारी अप्पासाहेब शिंदे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि कुंभ मेले से पहले इस प्रोजेक्ट का बुनियादी ढांचा तैयार हो जाए ताकि श्रद्धालुओं और नागरिकों को सुगम परिवहन का लाभ मिल सके।