प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Nashik Homethon Property Expo NAREDCO News: नाशिक में 18 से 21 दिसंबर 2025 के बीच नरेडको (NAREDCO) द्वारा आयोजित होमेथॉन प्रॉपर्टी एक्स्पो 2025 होने जा रहा है। इस प्रदर्शनी के निमित्त, नाशिक के रियल एस्टेट क्षेत्र में बदलाव, अवसरों और भविष्य पर चर्चा करते हुए होमेथॉन के मुख्य समन्वयक जयेश ठक्कर से खास बातचीत की गई।
लगभग चार दशकों का अनुभव रखने वाले ठक्कर ने नाशिक के निर्माण क्षेत्र में आए बड़े बदलावों पर स्पष्ट विचार व्यक्त किए। जयेश ठक्कर बताते हैं कि मैं पिछले 38 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हूं। पहले नाशिक में 1 RK, 1 BHK या ज़्यादा से ज्यादा 2 BHK तक ही मांग सीमित थी, क्योंकि तब संयुक्त परिवार होते थे। मगर आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है।
नौकरी के कारण बच्चे बाहर या विदेश जा रहे हैं। छोटे परिवार की पद्धति के कारण अब चार-पांच सदस्यों वाले परिवार को अधिक प्रशस्त घर चाहिए। ठक्कर के अनुसार, अब तेज़ी से 4 BHK से लेकर 7 BHK तक के फ्लैट्स की मांग बढ़ रही है, क्योंकि कोविड के बाद जीवन के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदला है।
ठक्कर स्पष्ट करते हैं कि सिंहस्थ कुंभ मेले की पृष्ठभूमि में नाशिक में बड़े पैमाने पर विकास योजना तैयार की गई है, जिसे रियल एस्टेट क्षेत्र आशा भरी नज़रों से देख रहा है।
सिंहस्थ कुंभ मेला नाशिक के लिए एक पर्व है। यह दुनिया के चार कुंभ क्षेत्रों में से महाराष्ट्र का एकमात्र स्थान है।
इस मौके पर केंद्र, राज्य सरकार और नाशिक महापालिका मिलकर लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपये का मूलभूत ढांचा निवेश करेंगी। जब सड़कें, पुल, यातायात, पानी की आपूर्ति और ड्रेनेज जैसी सुविधाएं बढ़ती हैं, तो रियल एस्टेट की मांग अपने आप बढ़ जाती है। नाशिक एक ‘लिव्हेबल’ और ‘लव्हेबल’ शहर है, जो इसकी सबसे बड़ी ताक़त है।
ठक्कर कहते हैं कि मुंबई और पुणे के बाद नाशिक को सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहर के रूप में देखा जाता है। रमुंबई व पुणे केवल 3 से 4 घंटे की दूरी पर है। समृद्धि महामार्ग के कारण औरंगाबाद ढाई घंटे और नागपुर साढ़े छह घंटे पर आ गया है। कनेक्टिविटी बढ़ने से शहर का विकास गति पकड़ता है। स्रविशेष बात यह है कि मुंबई-पुणे की तुलना में नाशिक में घरों की दरें अब भी किफायती हैं।
भारत माता योजना के तहत प्रस्तावित नाशिक-चेन्नई ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे कई राज्यों को जोड़ेगा। वाया वाढवण बंदर होने के कारण कनेक्टिविटी प्रचंड रूप से बढ़ेगी, जिससे नाशिक का लॉजिस्टिक और औद्योगिक विकास तेजी से होगा।
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यह मांग कई वर्षों की है। ठक्कर का मानना है कि अगर यह मार्ग संगमनेर के रास्ते बनता है, तो नाशिक-पुणे की दूरी ढाई से तीन घंटे में पूरी होगी। इससे सिन्नर औद्योगिक पट्टी का बड़ा विकास होगा, रोज़गार बढ़ेगा और घर ख़रीदी को बढ़ावा मिलेगा।