नार-पार परियोजना जीवन रक्षक साबित होगी। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नासिक: नार-पार, गिरना नदी जोड़ो परियोजना मालेगाव तालुका के साथ-साथ उत्तर महाराष्ट्र के लिए जीवन रक्षक साबित होगी। इस परियोजना के कारण मालेगाव तालुका की लगभग 80 हजार एकड़ भूमि सिंचाई के दायरे में आ जाएगी। इससे तालुका का कायापलट हो जाएगा। यह विधानसभा चुनाव में किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। नार-पार परियोजना से मलमाथा और कटवन में पानी की कमी दूर होगी।
गिरना बायीं और दायीं नहरों की क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं, ताकि यह पानी हर जगह प्रवाहित हो सके। सिंचित क्षेत्रों के साथ-साथ कृषि योग्य भूमि भी सिंचाई के दायरे में आएगी। शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने विश्वास व्यक्त किया कि यह मालेगाव तालुका के लिए एक अच्छा दिन होगा। यहां बालाजी लॉन में नार-पार योजना सर्वेक्षण और समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
मंच पर अधीक्षण अभियंता राजेश गोवर्धे, बाजार समिति सभापति चंद्रकांत शेवाले, उपाध्यक्ष अरुणा सोनाजकर, संगीता चव्हाण, नानाजी दलवी, किशोर इंगले, डॉ. तुषार शेवाले, नानाजी दलवी, नीलेश अहेर, लक्की गिल, संजय दुसाने, मनोहर बच्छाव, पंकज निकम, सुनील देवरे, शशिकांत निकम, प्रमोद पाटिल, रमा मिस्त्री, प्रमोद शुक्ला, नितिन पोफले, विनोद चव्हाण, प्रतिभा सूर्यवंशी आदि उपस्थित थे। इस मौके पर अहमदाबाद विमान हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई।
मंत्री भुसे ने कहा कि नहरों के क्षमता विस्तार और सर्वेक्षण के लिए 8 करोड़ 61 लाख रुपए का टेंडर हुआ था। यह काम अंतिम चरण में है। 67 करोड़ रुपए की लागत से नहरों की क्षमता बढ़ाने का काम शुरू होने वाला है। इस परियोजना के तहत तालुका में करीब 450 करोड़ रुपए का काम किया जाएगा। पूरी परियोजना 7,465 करोड़ रुपए की है। पूरी परियोजना के काम में कम से कम 4 साल लगने की उम्मीद है।
📍मालेगाव | १५ जून २०२५
आज मालेगाव येथे नार-पार- गिरणा नदीजोड योजना सर्वेक्षण व अन्वेषण कामाची आढावा बैठक संपन्न झाली. यावेळी सदर प्रकल्पाचे सर्वेक्षण व अन्वेषण कामाबाबत कार्यकारी अभियंता यांनी सविस्तर माहिती दिली. #नारपारगिरणा #नदीजोडप्रकल्प #पाणीयोजना #जलसंपदा #malegaon pic.twitter.com/rVhNGcc7Me
— Dadaji Bhuse (@dadajibhuse) June 15, 2025
इस अवधि में तालुका में बुनियादी ढांचे और समानांतर काम करने की योजना है। चुनाव के दौरान जिला नरमी, नार-पार, मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने के वादे किए गए थे। नार-पार से पहले तालुका में कई छोटे-बड़े बांध और सिंचाई के काम किए गए थे।
तालुका में इस परियोजना का काम जल्द ही शुरू होगा। केवल पहाड़ी और तालुका के कुछ हिस्से इस परियोजना से वंचित रह गए हैं। इसके लिए चर्चा चल रही है। आम्बेडारी के लिए चार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जबकि दहीकुटे बांध के लिए एक करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसलिए मलमाथा में भी पानी आएगा।
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बैठक में सुरेश निकम, नीलेश कचवे, भरत जगताप आदि ने भाषण दिए। इंजीनियर गोवर्धने ने परियोजना के बारे में तकनीकी जानकारी दी। इस समय स्क्रीन पर परियोजना का पीपीटी प्रजेंटेशन दिखाया गया।
उपलब्धता के अनुसार जिला, कॉलेज। इस बार भी विधानसभा चुनाव में सफलता मिलने के बाद, जिले की मांग का पहला पत्र मुख्यमंत्री को दिया गया। राज्य में कुछ अन्य जिलों की भी मांग है। नए जिलों की घोषणा होने पर मालेगांव को पहली प्राथमिकता दी जाएगी। इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए जगह की तलाश जारी है।