मराठा विद्या प्रसारक संस्था
Nashik News: गरीब और वंचित विद्यार्थियों के कल्याण के लिए छत्रपती शाहू महाराज की दूरदृष्टी से तथा कर्मवीर रावसाहेब थोरात, भाऊसाहेब हिरे, काकासाहेब वाघ, अण्णासाहेब मुरकुटे, गणपतराव मोरे, डी। आर। भोसले, अॅड। बाबुराव ठाकरे, अॅड। विठ्ठलराव हांडे और डॉ। वसंतराव पवार जैसे समाजसेवकों के अथक प्रयासों से स्थापित मराठा विद्या प्रसारक संस्था आज राजनीतिक गुटबाजी में उलझकर बदनामी का सामना कर रही है।
वर्तमान में संस्था की ओर से स्वायत्त मराठा विद्या प्रसारक विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मगर इस कदम का विरोधी गुट बड़े पैमाने पर विरोध कर रहा है। हाल ही में संपन्न हुई सदस्य सभा में इस मुद्दे पर जबरदस्त तेरी मेरी और वाद-विवाद हुए, जिसकी गूंज पूरे महाराष्ट्र में सुनाई दी।
सकल मराठा समाज की ओर से करण गायकर ने चेतावनी देते हुए कहा कि, संस्था के कामकाज में विवादों से समाज की बदनामी हो रही है और यह बदनामी मराठा समाज नही सहेगा। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी विवादित मामले में चुनाव कर निर्णय लेना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो उस विषय को रोक कर संस्था के विकास पर ध्यान देना आवश्यक है।
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करण गायकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनाव में आप जीतें या हारें, संगठन के असली मालिक आप नहीं, बल्कि पूरा मराठा समुदाय और संगठन के सदस्य हैं। यह बात किसी को नहीं भूलनी चाहिए।