
शासन की राहत पर किसानों का आक्रोश, तहसीलदार को चेक लौटाकर जताया विरोध
Malegaon News: सितंबर माह में हुई अतिवृष्टि से मालेगांव तालुका क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की खरीफ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं. बाजरा, मक्का, कपास, तूर और मूंगफली जैसी प्रमुख फसलों को भारी नुकसान हुआ. इस आपत्ती के बाद किसानों ने शासन से उचित मुआवज़े की मांग की थी. शासन ने पंचनामा कर राहत राशि घोषित तो की, परंतु किसानों को मिली मदद अत्यंत कम और अपमानजनक होने से उनमें गहरा आक्रोश निर्माण हुआ है.
इस नाराज़गी को व्यक्त करते हुए सागर भामरे के नेतृत्व में किसानों ने शासन द्वारा मिली मुआवज़े की राशि तहसीलदार विशाल सोनवणे को चेक के माध्यम से लौटाते हुए शासन का निषेध किया. किसानों का कहना था कि शासन ने केवल औपचारिकता निभाई है, वास्तविक नुकसान को ध्यान में नहीं रखा गया. कई किसानों को एक एकड़ फसल के नुकसान के बदले केवल कुछ सौ रुपये की सहायता दी गई, जो उनकी मेहनत का अपमान है.
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किसानों ने कहा, हमारे पसीने की फसल को बाजार में उचित भाव नहीं मिलता और ऊपर से शासन की यह नाममात्र की मदद हमारे साथ मजाक है. यदि सरकार सच में किसानों के साथ है, तो खरीफ हंगामे का मुआवज़ा यथार्थवादी स्तर पर तय करे, किसानों को कर्ज़मुक्त करे और फसलों को समर्थन मूल्य दे. इस अवसर पर सागर भामरे, गणेश भामरे, वासुदेव बोरसे, प्रविण कदम, सोनू शिरसाठ, योगेश बोरसे और धनंजय कापडणीस समेत अनेक किसान उपस्थित थे.






