जलगांव मनपा (pic credit; social media)
Recruitment for 2100 Posts Stuck: जलगांव मनपा में कर्मचारियों की भारी कमी अब संकट का रूप ले चुकी है। 2100 पदों की भर्ती का प्रस्ताव शासन से मंजूरी पा चुका है, लेकिन अब नाशिक विभागीय कार्यालय में अटकी ‘बिंदु नामावली’ (आरक्षण रोस्टर) फाइल पूरी प्रक्रिया पर ब्रेक लगा रही है। तीन साल से टल रही यह भर्ती अब फिर ठंडे बस्ते में चली गई है।
महानगरपालिका में हर महीने कई अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नई नियुक्तियां न होने से हालात यह हैं कि एक अधिकारी को दो-दो विभागों का भार संभालना पड़ रहा है। सफाई विभाग से लेकर जलापूर्ति और कर वसूली तक, हर जगह स्टाफ की कमी का असर साफ नजर आ रहा है। कई विभाग तो अब सिर्फ “नाम के लिए” चल रहे हैं।
जलगांव महापालिका ने चपरासी से लेकर वरिष्ठ अभियंता तक करीब 2100 पदों के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन ने इसे हरी झंडी दे दी, लेकिन ‘बिंदु नामावली’ की स्वीकृति अब तक नाशिक में अटकी हुई है। पहले भेजा गया प्रस्ताव विभागीय कार्यालय में गुम हो गया था, और दोबारा भेजे जाने के बाद भी हफ्तों से मंजूरी का कोई अता-पता नहीं है।
आगामी महापालिका चुनावों की तैयारियों पर भी इस सुस्ती का असर पड़ सकता है। सीमित कर्मचारियों के साथ चुनावी कार्यों को अंजाम देना अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। विडंबना यह है कि नाशिक मनपा को इसी तरह की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है और वहां भर्ती प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है, जबकि जलगांव में फाइलें अब भी धूल फांक रही हैं।
कर्मचारियों की कमी से शहर के रोजमर्रा के काम ठप पड़ने लगे हैं। नल जलापूर्ति में दिक्कत, सफाई व्यवस्था चरमराई और शिकायत निवारण केंद्रों में फाइलों का अंबार लग गया है। नागरिक सवाल उठा रहे हैं—“फाइलें कब चलेंगी या शहर यूं ही रुका रहेगा?”