प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
MIDC Land Acquisition Hindi News: सिडको इगतपुरी तालुका के आडवंन-पारदेवी में प्रस्तावित औद्योगिक वसाहत के लिए शुरू की गई एमआईडीसी की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को मुंबई उच्च न्यायालय ने बड़ा झटका दिया है।
एमआईडी अधिनियम की धारा 32 के अंतर्गत चल रही अधिग्रहण प्रक्रिया को कानून के अनुसार ही लागू करने के स्पष्ट निर्देश देते हुए न्यायालय ने संबंधित किसानों की व्यक्तिगत सुनवाई लेने के आदेश दिए हैं। अंतिम निर्णय होने तक वर्तमान स्थिति ‘यथास्थिति’ बनाए रखने के भी आदेश न्यायालय ने दिए हैं।
इस मामले में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर भी विचार किया जाना आवश्यक है, ऐसा उल्लेख करते हुए न्यायालय ने उद्योग मंत्री की कार्यप्रणाली पर भी कड़ी टिप्पणी की है। न्यायालय के इस आदेश से आडवंन-पारदेवी के किसानों को बड़ी राहत मिली है। आडवंन-पारदेवी के किसानों ने एमआईडीसी को भूमि देने का तीव्र विरोध किया था।
इसके लिए किसानों ने आंदोलन किया था, साथ ही ग्रामसभा में बहुमत से भूमि न देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया था। उद्योग मंत्री के कक्ष में भी किसानों की बैठक हई थी। हालांकि, इन सभी घटनाक्रमों के बावजूद प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी रखे जाने के कारण किसानों ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने स्पष्ट किया कि भूमि अधिग्रहण से पहले याचिकाकर्ता किसानों, संबंधित ग्रामसभा एवं पंचायत समिति द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों पर गहन विचार करना अनिवार्य है। सभी संबंधितों को सुनवाई का अवसर देकर आपत्तियों पर कारण सहित निर्णय लिया जाए।
ऐसा निर्णय लिखित रूप में याचिकाकर्ताओं, ग्रामसभा और पंचायत समिति को सूचित करने के बाद ही आगे की अधिग्रहण प्रक्रिया अपनाई जाए, ऐसा आदेश में कहा गया है। साथ ही भूमि के कब्जे तथा फेरफार प्रविष्टियों (म्यूटेशन एंट्रीज) के संबंध में वर्तमान में जो स्थिति है, उसे अंतिम एवं उचित निर्णय होने तक कायम रखने के आदेश दिए गए हैं।
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