ई-बस ( pic credit; social media)
Nashik News In Hindi: राज्य परिवहन महामंडल ने डीजल का भारी खर्च कम करने और प्रदूषण घटाने के उद्देश्य से राज्यभर में कुछ इलेक्ट्रिक बसें शुरू की थी। लेकिन अब यह सामने आया है कि इन बसों के कारण एसटी को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जहां एक ओर उम्मीद थी कि इलेक्ट्रिक बसों से एसटी के मुनाफे में बढ़ोतरी होगी, वहीं दूसरी ओर इसका उल्टा हुआ और महामंडल को करोड़ों का घाटा झेलना पड़ा। यात्रियों को भी किराए में किसी प्रकार का लाभ नहीं हुआ है।
केवल नाशिक एसटी विभाग को अब तक करीब 22 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, नाशिक में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत अगस्त 2023 के आसपास हुई। प्रारंभ में इनकी संख्या केवल 9 थी, लेकिन बाद में यह बढ़कर 21, फिर 33। और अब लगभग 46 बसों तक पहुंच गई।
अगस्त 2023 से मार्च 2024 तक एसटी की 3 करोड़ 86 लाख 38 हजार रुपये का नुकसान हुआ। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक यह घाटा बढ़कर 10 करोड़ 70 लाख रुपये से गया, जब औसतन 21 बसें चल रही थी। अप्रैल 2025 से सितंबर 2025 के बीच नुकसान 7 करोड़ 69 लाख रुपये तक पहुंच गया।
ये सभी इलेक्ट्रिक बसें निजी कंपनियों की हैं, जिन्हें एसटी महामंडल किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करता है। नाशिक एसटी के अंतर्गत 2 कंपनियों की बसें चलती हैं, जिनके दर अलग-अलग हैं। एक कंपनी की 12 मीटर बसों का किराया 48 प्रति किलोमीटर है। दूसरी कंपनी की 9 मीटर बसों का 61 और 12 मीटर बसों का 68 रुपये प्रति किलोमीटर दर है। इस दर में प्रशासनिक खर्च भी शामिल है, जिसके कारण यह अधिक है।
1 अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच एसटी को इलेक्ट्रिक बरसों से 17 करोड़ 69 लाख रुपये की आमदनी हुई, जबकि खर्च 25 करोड़ 27 लाख 36 हजार रुपये तक पहुंच गया। इस प्रकार केवल 6 महीनों में एसटी को 7 करोड़ 57 लाख 86 हजार रुपये का घाटा हुआ।
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नाशिक से इलेक्ट्रिक एसटी बसें पुणे, बोरीवली, कसारा, सिन्नर, त्र्यंबकेश्वर, सप्तशृंगी गड, सटाणा, छत्रपति संभाजीनगर सहित अन्य मागों पर चल रही हैं। वर्तमान में इनकी कुल संख्या 46 बसें है। करोड़ों के घाटे के बावजूद, एसटी प्रशासन इन मार्गों पर परिचालन जारी रखे हुए है।