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ठेकेदार की दखलअंदाजी बढ़ी, अधिकारी ने की शिकायत, नासिक ZP के अतिरिक्त सीईओ पर मिलीभगत का आरोप

Nashik Zila Parishad: नासिक जिला परिषद के प्रशासनिक कामकाज में एक ठेकेदार के हस्तक्षेप की शिकायत खुद एक विभाग प्रमुख को करनी पड़ी, जिसके बाद ठेकेदार और अधिकारी के बीच तीखी बहस भी हुई।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Sep 03, 2025 | 04:10 PM

ठेकेदार की दखलअंदाजी बढ़ी, अधिकारी ने की शिकायत (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Nashik District: नासिक जिला परिषद के प्रशासनिक कामकाज में एक ठेकेदार के हस्तक्षेप की शिकायत खुद एक विभाग प्रमुख को करनी पड़ी, जिसके बाद ठेकेदार और अधिकारी के बीच तीखी बहस भी हुई। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बाहरी व्यक्ति किस तरह से ‘मिनी मंत्रालय’ (जिला परिषद) के कामकाज को प्रभावित कर रहे हैं। यह घटना अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्जुन गुंडे के सामने हुई, लेकिन उन्होंने ठेकेदार का ही पक्ष लिया, जिससे दोनों के बीच ‘सौहार्द’ उजागर हो गया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी को इस ‘साठगांठ’ की पहचान कब होगी।

नेताओं के नाम पर दबंगई एक समय में पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष के कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले इस व्यक्ति ने जिला परिषद में अपनी अच्छी पैठ बना ली है। कार्यकर्ता से ठेकेदार बना यह व्यक्ति अब राजनीतिक नेताओं का नाम लेकर सीधे विभाग प्रमुखों के दफ्तर में कुर्सी लगाकर बैठता है। यह ठेकेदार कुछ अधिकारियों का ‘अति प्रिय’ बन गया है। निर्माण विभाग के तीनों विंग और जल संरक्षण के साथ-साथ मुख्य लेखा और
वित्त विभाग में भी उसका अक्सर आना-जाना लगा रहता है।

ठेकेदार की बढ़ती जा रही मनमानी

चूंकि अधिकारियों से सवाल करने वाला कोई नहीं है, इसलिए इस ठेकेदार की मनमानी बढ़ती जा रही है। कुछ अधिकारियों को ‘कमाने’ में मदद करने में इसका कोई मुकाबला नहीं है। अन्य अधिकारियों को इस ठेकेदार से हो रही परेशानी असहनीय हो गई थी, जिसके बाद कार्यकारी अभियंता वैशाली ठाकरे ने अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी से उसकी शिकायत की। एक विभाग प्रमुख को ही बाहरी व्यक्ति की शिकायत करनी पड़ी, जिससे यह जरूरी हो गया था कि वरिष्ठ अधिकारी इस शिकायत को गंभीरता से लेते और ठेकेदार को प्रशासनिक कामकाज में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी देते।

ये भी पढ़े: 11 गांवों में नहीं हैं श्मशान घाट, कहां गया पारशिवनी तहसील का विकास? धूल खा रहा प्रस्ताव

दोनों में सुलह कराने के हुए प्रयास

अतिरिक्त सीईओ ने ठेकेदार को ‘सम्मान’ देते हुए उसे और ठाकरे को अपने दफ्तर में बैठाया और दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की। इस दौरान, ठाकरे ने अतिरिक्त सीईओ को बताया कि ठेकेदार कामकाज में दखलअंदाजी कर रहा है और कर्मचारियों पर दबाव डाल रहा है। इस बात पर ठेकेदार और ठाकरे के बीच तीखी बहस भी हुई। असल में, जब ठेकेदार का प्रशासनिक कामकाज से कोई लेना-देना ही नहीं है, तो सुलह का सवाल ही नहीं उठता। इसलिए, अतिरिक्त सीईओ के इस प्रयास को ठेकेदार का पक्ष लेने और अप्रत्यक्ष रूप से ठाकरे पर दबाव डालने के रूप में देखा जा रहा है।

अतिरिक्त सीईओ का क्या स्वार्थ

लोगों को संदेह है कि ठेकेदार पर मेहरबानी दिखाने के पीछे अतिरिक्त सीईओ का क्या स्वार्थ छिपा है।पहले भी हुई थी ऐसी घटना संबंधित ठेकेदार के खिलाफ पहले भी कई बार शिकायतें हो चुकी हैं। विभाग प्रमुखों के साथ कुर्सी लगाकर बैठने और सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल करने जैसे मुद्दों को लेकर जिला परिषद की बैठकों में सदस्यों ने प्रशासन से सवाल भी पूछे थे। पूर्व सदस्य उत्तम गडाख ने इस ठेकेदार को डांटा भी था और उसकी कुर्सी हटा दी थी, जिसके बाद वह लेखा विभाग से भाग गया था। हैरानी की बात यह है कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी की कुर्सी पर पहले आशिमा मित्तल हों या अब ओंकार पवार, किसी तक भी इस बाहरी व्यक्ति के बढ़ते हस्तक्षेप की बात नहीं पहुंची।

Contractors interference increased officer complained nashik zp

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Published On: Sep 03, 2025 | 04:10 PM

Topics:  

  • District Council Administration
  • Nashik District
  • Nashik News

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