सीएम फडणवीस, नितीन गडकरी ( pic credit; social media)
Nashik Roads Condition: सिंहस्थ कुंभ 2027 की तैयारी तेज हो गई है और इस बार नाशिक की सड़कों का चेहरा पूरी तरह बदलने वाला है। नासिक महानगरपालिका (मनपा) ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है कि त्र्यंबक नाका सिग्नल से पिंपलगांव बहुला तक 9 किलोमीटर लंबी सड़क को अब डामर नहीं बल्कि ‘व्हाइट टॉपिंग’ यानी उच्च गुणवत्ता वाली कंक्रीट तकनीक से बनाया जाएगा।
दरअसल, हाल ही में हुई बारिश के बाद इस पूरे रूट पर जगह-जगह गड्ढे पड़ गए थे। इससे कुंभ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं और वाहनों की आवाजाही पर बड़ा संकट खड़ा हो गया। इसी वजह से कुंभ मेला मंत्री गिरीश महाजन ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अब डामर नहीं, बल्कि मुंबई मॉडल वाली टिकाऊ कंक्रीट रोड ही बनाई जाए।
पहले इस 9 किमी सड़क के लिए कुंभ प्राधिकरण ने 100 करोड़ रुपये मंजूर किए थे, लेकिन ‘व्हाइट टॉपिंग’ तकनीक अपनाने से लागत बढ़कर 175 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। मनपा ने अतिरिक्त 75 करोड़ रुपये की मांग करते हुए नया प्रस्ताव भेज दिया है।
काम को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण गंजमाल सिग्नल से आईटीआई सिग्नल तक और दूसरा चरण आईटीआई से पिंपलगांव बहुला तक होगा। इस दौरान सड़क की पूरी परत उखाड़कर नई मजबूत कंक्रीट लेयर डाली जाएगी, जो डामर की तुलना में कहीं ज्यादा टिकाऊ होगी।
‘व्हाइट टॉपिंग’ तकनीक क्यों खास है? क्योंकि डामर की सड़कें कुछ सालों में टूट-फूट जाती हैं और बारिश में सबसे ज्यादा नुकसान उठाती हैं। वहीं कंक्रीट रोड 20-25 साल तक बिना बड़े रिपेयर के आसानी से चल सकती है। यही कारण है कि मुंबई की कई मुख्य सड़कों पर यह तकनीक पहले से इस्तेमाल हो रही है।
सिंहस्थ प्राधिकरण ने नाशिक के लिए कुल 1,004 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और इस महत्वपूर्ण 9 किमी सड़क को सबसे पहले प्राथमिकता दी गई है। उम्मीद है कि काम तय समय में पूरा होगा और 2027 का सिंहस्थ कुंभ आने से पहले नाशिक की सड़कें गड्ढामुक्त और चमचमाती कंक्रीट रोड में तब्दील हो जाएंगी।