सयाजी शिंदे व अजित पवार (डिजाइन फोटो)
Ajit Pawar On Tapovan Tree Cutting: नासिक के तपोवन क्षेत्र में पेड़ों की बड़े पैमाने पर प्रस्तावित कटाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इस पूरे मामले का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाना चाहिए।
डिप्टी सीएम अजित पवार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अभिनेता सयाजी शिंदे द्वारा निभाई गई पर्यावरण हितैषी भूमिका की सराहना की और कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना आज के दौर की सबसे बड़ी आवश्यकता है। पवार ने कहा कि पर्यावरण बचेगा तभी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी।
तपोवन में हो रहा यह विवाद दरअसल नासिक में 2027 के सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों से जुड़ा है। नासिक नगर निगम (NMC) 1,200 एकड़ क्षेत्र में साधु ग्राम कॉलोनी विकसित कर रहा है, जहां कुंभ के दौरान वैष्णव संप्रदाय के संत निवास करेंगे। इस योजना के तहत 54 एकड़ जमीन से 1,700 से अधिक पेड़ों को हटाने का प्रस्ताव रखा गया है। नगर निगम के अनुसार, साधु ग्राम का निर्माण कुंभ मेले के सुचारू आयोजन के लिए आवश्यक है।
लेकिन स्थानीय निवासी और पर्यावरण समूह इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने बताया कि 1,670 पेड़ों को पीले रंग से चिह्नित कर दिया गया है, जिनमें से लगभग 40 प्रतिशत पेड़ों को काटने की योजना है।
कपिला नदी संरक्षण समिति के योगेश बर्वे ने कहा कि नासिक में पूर्व में आयोजित कुंभ मेलों में कभी भी इतने बड़े और पुराने पेड़ों को नहीं काटा गया था। उन्होंने चिंता जताई कि सदियों पुराने बरगद, इमली, पीपल और बेर जैसे वृक्ष भी सूची में शामिल हैं।
अभिनेता और वृक्ष कार्यकर्ता सयाजी शिंदे ने पिछले शनिवार को नासिक के तपोवन क्षेत्र का दौरा किया और सरकार के खिलाफ जाने की बात कही। सयाजी शिंदे मौजूदा ‘महायुति’ सरकार में शामिल उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं।
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एक्टर सयाजी शिंदे ने स्पष्ट किया कि पेड़ हमारे अभिभावक हैं। हमें साधु ग्राम के लिए एक भी पेड़ नहीं कटने देना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि साधु आते-जाते रहें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन पेड़ों के लुप्त होने से हमारे जीवन और आने वाली पीढ़ियों पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इस दुनिया में सिर्फ पेड़ ही सेलिब्रिटी हैं और उनकी रक्षा करने की जरूरत है। शिंदे ने चेतावनी दी कि कोई छिपा हुआ एजेंडा न चलाया जाए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि अगर हमारे अपने ही लोग हमें धोखा देंगे, तो हम उन्हें अपना कैसे कह सकते हैं।
उन्होंने स्थानीय निवासियों से एकजुट होकर विरोध करने का आग्रह किया और कहा कि ऐसे लोगों को नासिक को बर्बाद करने के लिए यहां नहीं आना चाहिए, यह टिप्पणी करते हुए कि हो सकता है कि किसी जगह पर 10 लोगों की जरूरत हो और 1,000 लोग आ जाएं।