हाई कोर्ट
Nagpur News: जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ दायर याचिका में संस्था को प्रतिवादी बनाए जाने का मामला उजागर हुआ। सुनवाई के दौरान ही हाई कोर्ट ने सबसे पहला सवाल पूछा कि आरएसएस को प्रतिवादी क्यों बनाया गया है? क्या आरएसएस की ओर से कोई आदेश जारी किया गया? जिससे याचिकाकर्ता प्रभावित हो रहा है?
इस तरह के सवाल करने के बाद हाई कोर्ट ने प्रतिवादी के रूप में शामिल किए गए आरएसएस को डिलीट करने तथा याचिका में सुधार करने का निर्देश दिया। साथ ही सुधार के उपरांत अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के भी आदेश दिया।
याचिकाकर्ता पाशा की ओर से अधिवक्ता अश्विन इंगोले ने पैरवी की। विशेषत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पथ संचलन कार्यक्रम के लिए अमरावती रोड पर स्थित विदर्भ हॉकी एसोसिएशन का मैदान उपलब्ध कराने के निर्णय को हाई कोर्ट में एक याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है।
याचिका में कहा गया है कि चूंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक पंजीकृत संस्था नहीं है, इसलिए उसे पथ संचलन जैसे कार्यक्रम के लिए हॉकी का मैदान उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए। याचिका के अनुसार जिला क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय के तत्वावधान में 25 सितंबर से 5 अक्टूबर तक जिला व महानगरपालिका स्तरीय हॉकी स्पर्धा का आयोजन विदर्भ हॉकी एसोसिएशन के मैदान पर किया गया है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने 23 सितंबर को विदर्भ में हॉकी एसोसिएशन की ओर से एक हॉकी स्पर्धा के लिए मैदान की मांग की थी लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम का हवाला देते हुए जिला क्रीड़ा अधिकारी ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि 28 सितंबर तक मैदान स्पर्धा के लिए नहीं दिया जा सकता। याचिका में यह भी कहा गया है कि संघ का पथ संचलन 27 सितंबर से शुरू हो गया और इसी वजह से हॉकी स्पर्धा के लिए मैदान देने से मना किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने न केवल प्रतिवादी के रूप में आरएसएस को डिलीट करने के आदेश दिए बल्कि याचिका में यदि आरएसएस के खिलाफ कोई तथ्य दिए गए हों तो वह भी हटाकर याचिका में सुधार करने के निर्देश दिए। इसी तरह से याचिका में प्रार्थना के रूप में आरएसएस के खिलाफ मांगी गई राहत को भी हटाने के निर्देश दिए गए। याचिका में अदालत से यह भी मांग की गई है कि भविष्य में हॉकी के मैदान को खेल के अलावा किसी अन्य कार्य के लिए उपयोग करने पर रोक लगाई जाए।
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याचिका में यह भी बताया गया है कि इसी मैदान पर पहले 23 मार्च 2022 को भी एक कार्यक्रम हुआ था। जब विदर्भ हॉकी एसोसिएशन ने 28 मार्च को पत्र लिखकर इसकी अनुमति से संबंधित दस्तावेज मांगे तो वे उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके बाद राज्य सूचना आयोग में शिकायत की गई जिसने 3 मई 2022 को विभाग को 15 दिनों के भीतर जानकारी देने का आदेश दिया था लेकिन इसका भी पालन नहीं किया गया।