नागपुर न्यूज
WCL: केंद्रीय जांच ब्यूरो की नागपुर भ्रष्टाचार प्रतिबंधक शाखा ने वेस्टर्न कोल फील्ड (WCL) में फर्जी मेडिकल बिल घोटाला उजागर किया है। सीबीआई ने इस प्रकरण में डब्ल्यूसीएल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट (MS) और एक मेडिकल स्टोर के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और प्रकरण की जांच जारी है।
आरोपियों में एमएस डॉ. पृथ्वी कृष्णा पट्टा और सद्गुरु मेडिकल के संचालक का समावेश है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार यह घोटाला डब्ल्यूसीएल द्वारा संचालित कैशलैस मेडिकल स्कीम में हुआ है। डॉ. पृथ्वी कर्मचारी मरीजों को कुछ दवाएं लिखकर देते थे लेकिन बाद में दवाओं के बिल में महंगी दवाओं की राशि भी जोड़ दी जाती थी। असल में न तो मरीज को इसका पता चलता था और न उन्हें दवाएं मिलती थीं।
यह घोटाला लाखों में हो सकता है। फिलहाल सीबीआई को 4-5 सैंपल बिल मिले हैं। ये बिल डब्ल्यूसीएल के अधिकारी और कर्मचारियों के हैं। सद्गुरु मेडिकल का संचालक डब्ल्यूसीएल में संलग्नित है। सारी दवाएं उसी के मेडिकल स्टोर से खरीदी जाती थीं। डॉ. पृथ्वी की मदद से बाद में बिल में अन्य महंगी दवाएं जोड़कर पैसा गबन किया जा रहा था।
इस मामले में और भी लोगों की भी मिलीभगत हो सकती है। सद्गुरु के अलावा भी कुछ केमिस्ट डब्ल्यूसीएल से जुड़े हैं। केवल बिलों में दवाओं के नाम दर्ज होते थे। असल में कोई दवाई खरीदी ही नहीं जाती थी। सीबीआई की टीम ने मामला दर्ज करने के साथ ही डॉ. पृथ्वी के हैदराबाद स्थित निवास और नागपुर स्थित कार्यालय की तलाशी भी ली है।
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बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त होने की जानकारी है। सद्गुरु मेडिकल की भी जांच जारी है। सीबीआई की टीम उसके कम्प्यूटर की भी जांच करने वाली है। सभी बिलों का विश्लेषण किया जाएगा। इस घोटाले की जानकारी डब्ल्यूसीएल के चिकित्सा विभाग को न होना आश्चर्य की बात है।