जंगल सफारी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Best Tiger Safari in Maharashtra 2026: विंटर सीजन और नए साल के जश्न के संगम ने महाराष्ट्र के वन्यजीव पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुँचा दिया है। साल 2025 की विदाई (थर्टी फर्स्ट) और वर्ष 2026 के भव्य स्वागत के लिए पर्यटकों ने ‘वाइल्ड लाइफ’ को अपनी पहली पसंद बनाया है।
नागपुर के नजदीकी विदर्भ क्षेत्र के प्रमुख टाइगर रिजर्व्स में इस समय पर्यटकों का भारी सैलाब देखा जा रहा है। आलम यह है कि बुधवार और गुरुवार के लिए लगभग सभी प्रमुख टाइगर रिजर्व के गेट पूरी तरह बुक हो चुके हैं।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष वन्यजीवों के बीच नया साल मनाने के लिए 3,000 से अधिक पर्यटकों ने अग्रिम बुकिंग कराई है। विदर्भ के अलग-अलग टाइगर रिजर्व के कुल 32 गेटों पर पर्यटकों की भारी भीड़ है। थर्टी फर्स्ट और न्यू ईयर के दो दिनों के भीतर ही 500 से अधिक जिप्सियां जंगल की खाक छानने के लिए तैयार हैं। ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (TATR) के कोर और बफर जोन, पेंच टाइगर रिजर्व और उमरेड-पवनी-करहंडला वन्यजीव अभयारण्य सैलानियों से गुलजार हैं।
मानसून के बाद शुरू हुए इस विंटर सीजन में पर्यटकों के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र नए जन्मे शावक हैं। गोठनगांव और करहंडला गेट पर विशेष रूप से भीड़ देखी जा रही है, क्योंकि यहाँ एफ-2 (F-2) बाघिन और उसके शावक अक्सर अठखेलियाँ करते नजर आ रहे हैं।
पर्यटक इन बाघ परिवारों को तालाब के पास या घास के मैदानों में आराम करते देखने के लिए उत्साहित हैं। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि शावक अक्सर पर्यटकों के वाहनों को देखकर कौतूहलवश सामने आ जाते हैं, जो एक रोमांचक अनुभव होता है।
जहाँ ताडोबा और पेंच में बुकिंग के लिए मारामारी मची है, वहीं इसके विपरीत नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व (NNTR) में सफारियां पूरी तरह हाउसफुल नहीं हो सकी हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि मेलघाट टाइगर रिजर्व इस बार पर्यटकों की सूची में काफी पीछे नजर आ रहा है।
मेलघाट में इक्का-दुक्का सफारियों को छोड़कर अधिकांश जिप्सियां खाली हैं। इसी तरह, उमरेड-पवनी-करहंडला के पवनी गेट में भी पर्यटकों का रुझान कम रहा है। यहाँ केवल थर्टी फर्स्ट के लिए कुछ बुकिंग्स हुई हैं, जबकि नए साल के पहले दिन यहाँ की सफारियां खाली नजर आ रही हैं।
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हाल के महीनों में गोठनगांव गेट पर एफ-2 बाघिन के मार्ग में बाधा डालने की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने सफारी के दौरान मोबाइल ले जाने पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, यह प्रतिबंध पर्यटकों के उत्साह को कम नहीं कर पाया है। सैलानियों ने अब मोबाइल की जगह प्रोफेशनल कैमरों और लेंसों को प्राथमिकता दी है। जंगल में प्रवेश करते ही सैलानी अपने कैमरों के साथ वन्यजीवों की एक झलक कैद करने के लिए तैयार खड़े रहते हैं।
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर प्रभूनाथ शुक्ला ने बताया कि, “ताडोबा में पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल भी पर्यटकों का प्रतिसाद अभूतपूर्व है। प्रशासन ने पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। हमारे अधिकारी और कर्मचारी 24 घंटे मुस्तैद हैं ताकि सैलानी एक यादगार अनुभव लेकर लौटें।” विंटर सीजन की गुलाबी ठंड और बाघों की दहाड़ के बीच नए साल का यह आगाज विदर्भ के पर्यटन उद्योग के लिए शुभ संकेत लेकर आया है।