नागपुर. रेलवे, वेकोलि और एसबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह के मुखिया राकेश खुराणा का सबसे खास राजेंद्र तिवारी आखिरकार पुलिस के हाथ लग ही गया. अजनी पुलिस ने उसे मुंबई से गिरफ्तार किया. राकेश खुराणा और राजेंद्र तिवारी ने ही यह गिरोह बनाया था जिसमें शिल्पा पालपर्थी की भी मुख्य भूमिका थी. शिल्पा के बाद ग्रामीण पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद खुराणा को गिरफ्तार किया था लेकिन प्रकरण दर्ज होने के बाद से तिवारी फरार था. वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. पुलिस ने फरार आरोपियों की खोज के लिए विशेष अभियान शुरू किया है. तिवारी के खिलाफ अजनी थाने में भी एक मामला दर्ज था. वांटेड लिस्ट में उसका नाम सामने आने के बाद अजनी पुलिस ने गोपनीय तरीके से जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की. उसके मुंबई में होने की जानकारी मिली. शुक्रवार को एक टीम ने मुंबई पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया. शनिवार को उसे नागपुर लाया गया. अजनी के थानेदार नितिन फटांगरे ने बताया कि रविवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा.
गिरोह का मास्टरमाइंड राजेंद्र तिवारी है. लंबे समय से वह ठगी का धंधा कर रहा था. केवल नागपुर पुलिस ही नहीं, देश के कई राज्यों की पुलिस भी उसे ढूंढ रही थी. तिवारी ही वह व्यक्ति था जो कोलकाता में सभी उम्मीदवारों की जांच करवाता था. उसने कोलकाता में जबरदस्त तरीके से अपना नेटवर्क फैला रखा था. उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दिलवाने के लिए पहले ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाती थी. उम्मीदवारों को परीक्षा देने के लिए कोलकाता ले जाया जाता था. ऑनलाइन परीक्षा के बाद उनकी मेडिकल जांच होती थी. मेडिकल जांच किसी निजी अस्पताल में नहीं बल्कि रेलवे के ही अस्पताल में होती थी. इससे साफ है कि कोलकाता स्थित रेलवे अस्पताल में तिवारी का नेटवर्क था.
बताया जाता है कि तिवारी ने कई राज्यों में अपने एजेंट नियुक्त किए थे. इन दलालों का काम केवल उम्मीदवार को तिवारी तक पहुंचाना होता था. उसने राजस्थान, चंडीगढ़, हरियाणा और कर्नाटक में भी अपना रैकेट फैला रखा था. नागपुर ग्रामीण पुलिस द्वारा मामला दर्ज करते ही तिवारी फरार हो गया. बाद में पता चला कि केवल नागपुर ही नहीं विभिन्न राज्यों और शहरों में तिवारी ने ठगी की है. वर्ष 2017 से वह ठगी का गिरोह चला रहा था. उसने शिल्पा पालपर्थी, राशिद आलम और राहुल सिंह जैसे कई एजेंट पाल रखे थे.
शहर में उसके रैकेट का भंडाफोड़ न हो जाए, इसीलिए तिवारी ने कोलकाता को अपना हेडक्वार्टर बनाया था. सभी उम्मीदवार उससे मिलने के लिए कोलकाता जाते थे. एक समय ऐसा था कि हर दूसरे दिन तिवारी और शिल्पा विमान से कोलकाता जाते थे. तिवारी ने मेडिकल चौक के समीप एक मैरिज ब्यूरो भी खोला था लेकिन ठगी से आसान कमाई के चलते उसने यह मैरिज ब्यूरो बंद कर दिया था.