देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-एक्स)
Nagpur News: शालार्थ आईडी घोटाला मामले में 2 शिक्षा अधिकारियों की गिरफ्तारी से शिक्षा विभाग में भारी हलचल मच गई है। अधिकारियों-कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है और राज्य के अधिकारियों ने वेतन बिल पर हस्ताक्षर नहीं करने का फैसला किया है। इस बीच शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एसआईटी प्रमुख नित्यानंद झा और पुलिस निरीक्षक बलिराम सुतार से मामले की पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं सूत्रों का कहना है कि उन्होंने एसआईटी में एक आईएएस अधिकारी की नियुक्ति के भी संकेत दिए हैं। शालार्थ आईडी घोटाले में शिक्षा उपसंचालक, शिक्षा अधिकारी, प्रिंसिपल समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार किए गए हैं।
एसआईटी ने वेतन बिल पर हस्ताक्षर करने के आधार पर 2 शिक्षा अधिकारियों को गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी की कार्रवाई का राज्य भर के शिक्षा अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। शुक्रवार को दिन भर इस मामले पर चर्चा के बाद सीएम फडणवीस ने शनिवार सुबह तुरंत एसआईटी टीम को बुलाया। उन्होंने पूरे मामले में जांच की प्रगति के बारे में जानकारी ली। साथ ही आईएएस अधिकारी को एसआईटी में शामिल करने के संकेत दिए।
नकली पुलिस बनकर लोगों को लूटने वाली गैंग का क्राइम ब्रांच यूनिट-2 और यूनिट-4 ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान पर्दाफाश किया। गैंग के एक सदस्य को पुलिस ने ठाणे से गिरफ्तार कर लिया जबकि उसके 6 फरार साथीदारों की तलाश जारी था। पकड़ा गया आरोपी आंबिवली, कल्याण, ठाणे निवासी वसीम उर्फ पिंचोटी फिरोज ईरानी (31) बताया गया। पूछताछ में आरोपी ने कुल 4 वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली।
विगत 22 जून को धोटे लेआउट, अजनी निवासी पुष्पा एंथनी मोरे (59) अजनी रेलवे स्टेशन से चूनाभट्ठी की ओर जा रही थीं। दोपहिया पर आए 2 अज्ञात आरोपियों ने उन्हें रोका। आरोपियों ने खुद को पुलिस वाला बताया और जांच के बहाने सोने की चेन मांगी। चालाकी से आरोपियों ने उनके पर्स में चेन रखने का बहाना किया और वहां से फरार हो गए। चोरी का पता चलने पर मोरे ने धंतोली थाने में शिकायत दर्ज कराई।
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फर्जी पुलिस बनकर लोगों को लूटने के मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच यूनिट-2 और यूनिट-4 भी जांच में जुट गई। पुलिस ने वारदात वाली जगह पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। साथ ही साइबर सेल की मदद से आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की गई। आखिरकार पुलिस को आरोपी वसीम की जानकारी मिली।
क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी को गिरफ्तार करने उसके घर ठाणे पहुंची। घर की घेराबंदी कर आरोपी को दबोचा गया। पूछताछ में आरोपी ने अपने 6 साथीदारों के साथ वारदात को अंजाम देना कबूला। अधिक पूछताछ में वसीम ने बताया कि फर्जी पुलिस बनकर उसकी गैंग ने कुल 4 वारदातों को अंजाम दिया। इसके लिए 2 दोपहिया वाहन और 1 चौपहिया वाहन का उपयोग किया गया।
वसीम को गिरफ्तार कर उसके साथीदारों की तलाश शुरू कर दी गई। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पीआई महेश सागडे, एपीआई गजानन चांभारे, पीएसआई मनोज राऊत, वैभव बारंगे, विवेक झिंगरे, हेड कांस्टेबल गजानन कुबडे, कमलेश गणेर, शैलेश जांभुलकर, युवानंद कड़ू, कांस्टेबल संदीप पांडे, कमलेश गहलोत समेत अन्य कर्मचारियों ने कार्रवाई को अंजाम दिया।