सोनेगांव लेक (सौजन्य-नवभारत)
नागपुर: मनसे महासचिव हेमंत गडकरी ने सिटी में लगभग 20 हेक्टेयर में फैले भोसले कालीन ऐतिहासिक तालाब का स्वरूप बिगाड़ कर उसे मैदान बना देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस तालाब की सफाई व गहरीकरण पर जो खर्च किया गया वह पूरी तरह बर्बाद हो गया है। अनेक महीनों से तालाब 95 फीसदी सूखा पड़ा हुआ है और मैदान बन गया है।
उन्होंने कहा कि मनसे सहित अन्य संगठनों ने तालाब के नियोजित गहरीकरण व सौंदर्यीकरण का मुद्दा सतत उठाया। कार्य शुरू भी किया गया लेकिन गहरीकरण ढंग से नहीं किया गया। मनपा के एक तत्कालीन मेयर ने तो अपने नेता के जन्मदिवस का खूब बाजा-गाजा कर बारिश के मुहाने पर गहरीकरण का कार्य शुरू करवाया था लेकिन एक सप्ताह में ही काम बंद हो गया। उसका फायदा ठेकेदार को तो हुआ लेकिन तालाब की दुर्दशा कर दी गई।
गडकरी ने कहा कि तालाब के पश्चिम में स्वागत सोसाइटी की दिशा में सौंदर्यीकरण जरूर हुआ। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता घोषित होने के पूर्व उद्यान का लोकार्पण भी किया गया लेकिन आज तक उस उद्यान में लोगों को प्रवेश नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी फायदा लेने के लिए लोकार्पण कर दिया गया।
उद्यान का सौंदर्यीकरण इतनी धीमी गति से शुरू है कि कछुआ को भी शर्म आ जाए। ऐसी हालत होने पर भी प्रशासन के कर्णधार ठेकेदार पर मेहरबान हैं। परिसर के नागरिकों ने तालाब को पुनर्जीवित करने व सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से पूरा कर उद्यान खोलने की मांग की है।
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मनसे प्रदेश महासचिव हेमंत गडकरी ने कहा, “ऐतिहासिक तालाब के संरक्षण व पुनर्जीवित करने के नाम पर करोड़ों रुपये फूंके गए लेकिन आज तालाब सूखा मैदान नजर आ रहा है। उद्यान नागरिकों के लिए बंद कर रखा गया है। संदेह है कि प्रशासन के कर्णधार ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए उदासीनता व लापरवाही बरत रहे हैं।”