स्मार्ट मीटर (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Smart Pre-paid Electric Meters: स्मार्ट प्री-पेड इलेक्ट्रिक मीटर पर पाबंदी लगाने तथा इस कार्यप्रणाली को अवैध करार देने का अनुरोध करते हुए विदर्भ विज ग्राहक संगठन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। आदेश के अनुसार गुरुवार को राज्य के बिजली विभाग ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया जिसमें फिलहाल स्मार्ट मीटर लगाने तथा भविष्य में ग्राहकों की इच्छा के अनुसार उसमें प्री-पेड की तर्ज पर परिवर्तित करने की जानकारी उजागर की।
ऊर्जा विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा प्रस्तुत हलफनामा में बताया गया कि फिलहाल इस स्मार्ट मीटर में प्री-पेड की सुविधा नहीं है किंतु यदि ग्राहकों की इच्छा हो तो भविष्य में इस सुविधा पर विचार किया जाएगा।
हलफनामा में स्पष्ट किया गया कि स्मार्ट मीटर आधुनिक मीटरिंग की मूलभूत सुविधा के साथ है। यहां तक कि आम मीटर की तुलना में इसकी कीमत भी अधिक है किंतु इसका शुल्क ग्राहकों से वसूल नहीं किया जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि प्री-पेड के पैसे खत्म होते ही बिजली खंडित होने का संभ्रम फैलाया जा रहा है किंतु कानून के अनुसार कनेक्शन बंद करने से पूर्व ग्राहकों को नोटिस जारी किया जाएगा।
इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामा में बताया गया कि जुलाई 2021 में शुरू की गई ‘रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम’ अंतर्गत देशभर में वितरण क्षेत्र को आर्थिक रूप से सक्षम किया जा रहा है। इसी तरह से बिजली वितरण में हो रहे नुकसान को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने खुलासा किया कि बिजली बिल और वसूली को लेकर कार्यक्षमता सुधारने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। बिजली बिल में किसी तरह की गलती न हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। आपात स्थिति में ग्राहकों को आपातकालीन क्रेडिट दिया जाएगा जिससे प्री-पेड में पैसा नहीं होने के बाद भी बिजली खंडित नहीं होगी।
व्यावसायिक और औद्योगिक ग्राहकों सहित 10 किलोवाट से अधिक की क्षमता के मीटर ग्राहकों के लिए प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। कोर्ट ने पिछले आदेश में ही स्पष्ट किया था कि कोर्ट ने याचिका में प्रार्थनाओं का अध्ययन किया है। मामला वर्तमान में मौजूदा बिजली मीटरों को बदलने से संबंधित है। इस संदर्भ में सामग्री प्रबंधन विभाग के मुख्य अभियंता की ओर से संचालन व रखरखाव विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र भेजा गया था।
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एमएसईडीसीएल के मुख्य अभियंता को भेजे गए पत्र के अनुसार इसमें भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लि. द्वारा आरडीएसएस योजना को मंजूरी दिए जाने का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इस योजना के अनुसार MSEDCL ने महाराष्ट्र राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग के लिए एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (AMI) सेवा प्रदाता की नियुक्ति के लिए निविदा आमंत्रित की है।