
शालार्थ आईडी घोटाला (फाइल फोटो)
Bombay HC Nagpur Bench Order: नागपुर में शालार्थ आईडी घोटाले के संदिग्ध शिक्षकों को वेतन देने के संबंध में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने आदेश दिया है लेकिन शिक्षा उपनिदेशक वेतनों का भुगतान करने के लिए सकारात्मक दिखाई नहीं दे रहे हैं। फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। नागपुर जिले में फर्जी शालार्थ आईडी के माध्यम से शिक्षकों को नियुक्त करने और वेतन जारी करने का मामला सामने आया था।
इस मामले में अब तक 23 लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने केवल उन्हीं शिक्षकों का वेतन जारी करने का आदेश दिया जिनके पास आवश्यक दस्तावेज थे। जांच में पता चला कि 632 शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों की फाइलें ही गायब थीं। नतीजतन उनका वेतन मार्च से रोक दिया गया है।
वेतन जारी करने की मांग करते हुए शिक्षकों और स्कूल संचालकों ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया और वेतन जारी करने का आदेश दिया। शिक्षा विभाग ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ रुख अपनाया। उपनिदेशक कार्यालय ने कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा। सूत्रों के अनुसार सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की राय दी है।
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इसी अभिप्राय के आधार पर उपनिदेशक ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर करने की तैयारी पूरी कर ली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपनिदेशक कार्यालय के एक अधिकारी पिछले हफ्ते सभी संबंधित दस्तावेज लेकर सुप्रीम कोर्ट के सरकारी वकीलों से मिलने के लिए दिल्ली गए थे। बताया जा रहा है कि याचिका दायर कर दी गई है और आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होने की संभावना है।
हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा वेतन देने में टालमटोल किए जाने के कारण कुछ शिक्षकों और स्कूल संचालकों ने कोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर की है। यह भी बताया जा रहा है कि शिक्षकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कैविएट भी दायर किया गया है, ताकि उनके पक्ष को सुने बिना कोई एकतरफा आदेश न दिया जाए।






