भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारी (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Education Service Gazetted Officers Association Started Hunger Strike: शालार्थ आईडी घोटाला मामले में बिना जांच के शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी के विरोध में अखिल महाराष्ट्र शिक्षा सेवा राजपत्रित अधिकारी संघ ने आक्रामक रुख अपनाया है। अधिकारियों ने इस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार से राज्य स्तरीय सामूहिक अवकाश आंदोलन शुरू कर दिया। अधिकारियों की कुर्सी खाली होने से व्यवस्था लड़खड़ा गई। प्रशासनिक स्तर पर सभी बैठकें रद्द हो गईं। विभाग के साथ ही विभागीय शिक्षा मंडल का भी कामकाज प्रभावित हो गया।
अखिल महाराष्ट्र शिक्षा सेवा राजपत्रित अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शालेय शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को ज्ञापन देकर इस मामले में सर्वमान्य समाधान निकालने की मांग की है। संघ का कहना है कि प्रशासनिक कारणों से सरकार की अनुमति और जांच के बिना अधिकारियों और कर्मचारियों की हिरासत जारी है।
नागपुर विभाग में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना जांच के गिरफ्तार किया जा रहा है। हाल ही में जिला परिषद प्राथमिक शिक्षा अधिकारी सिद्धेश्वर कालूसे और माध्यमिक शिक्षा अधिकारी रोहिणी कुंभार को गिरफ्तार किया गया था। इस तरह की कार्रवाई से संबंधित अधिकारियों का मनोबल गिर रहा है। संगठन ने बताया कि उनमें अन्याय और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है।
करीब 2 महीने से शिक्षा विभाग का कामकाज अस्थिर हो गया है। अधिकारियों की कमी पहले से ही थी, उस पर गिरफ्तारी होने से संकट गहरा गया है। माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षाधिकारी पद की जिम्मेदारी प्रभारी को सौंपी गई है। पहले से ही फाइलों का अंबार लगा हुआ है। अब सामूहिक अवकाश से सभी काम ठप पड़ गये हैं।
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इसका भविष्य के नियोजन पर खासा असर पड़ेगा। विभाग में अधिकारी नहीं होने से कर्मचारी भी बेफिक्र नजर आये। विभाग के साथ ही बोर्ड कार्यालय में भी यही स्थिति देखने को मिली। अध्यक्ष का कार्यालय बंद होने से जरूरी फाइलें रुक गई हैं। आंदोलन को लेकर अब सोमवार के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
इधर शालार्थ आईडी घोटाला मामले में जेएमएफसी-6 एके बनकर की कोर्ट ने वेतन इकाई में क्लर्क के पद पर कार्यरत गोंदिया निवासी सुमेद वाकड़े की पुलिस हिरासत की मांग को खारिज करते हुए सशर्त जमानत दे दी। आरोप है कि भावना राऊत ने शिक्षिका के रूप में नियुक्ति प्राप्त की। राऊत की वेतन आईडी वाकड़े द्वारा तैयार किए गए जाली नियुक्ति आदेश से पर बनाई गई थी। आरोप यह भी है कि इसके लिए वाकड़े ने राऊत से 5 लाख रुपये लिए थे। इन आरोपों पर सदर पुलिस ने गोंदिया से सुमेद को गिरफ्तार किया था।