रितु मालू (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Ritu Malu Case: नागपुर बहुचर्चित रितिका उर्फ रितु मालू के रामझूला हिट एंड रन केस में अब पुलिस निरीक्षक और पुलिस उपनिरीक्षक पर गाज गिरी है। सबूत नष्ट करने और मामला छिपाने के आरोप में कोर्ट ने सीआईडी को जांच का आदेश दिया है। इस संबंध में सीआईडी द्वारा पीआई और पीएसआई समेत कुल 7 लोगों की जांच की जाएगी।
25 फरवरी 2024 की आधी रात को नशे में धुत रितु मालू ने अपनी मर्सिडीज कार से 2 युवकों को कुचल दिया था। घटना में दोनों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिवार ने न्यायिक मजिस्ट्रेट से आरोपी रितु मालू को घटनास्थल से भागने में मदद करने वाले 7 लोगों को सह-आरोपी बनाने की मांग की थी।
न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा तकनीकी आधार पर याचिका खारिज करने के बाद मृतकों के परिवार ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले को नागपुर के जिला सत्र न्यायालय में चुनौती दी। जिला सत्र न्यायाधीश एचए अंसारी की कोर्ट ने सीआईडी को मामले को दबाने के प्रयासों की जांच करने का अधिकार दिया है। राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट पंकज तपासे और याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट अमोल हुंगे ने पैरवी की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों से पूछताछ के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति आवश्यक है। गौरतलब है कि निचली अदालत ने इसी आधार पर याचिका खारिज कर दी थी। इस बीच, याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए दलील दी कि असंज्ञेय अपराध की जांच के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद सत्र न्यायालय ने उपरोक्त आदेश जारी किया।
कोर्ट के आदेश के तहत दुर्घटनाग्रस्त मर्सिडीज को बिना फोरेंसिक जांच और बिना सहमति पत्र के छोड़ने के लिए पुलिस इंस्पेक्टर संदीप बुवा, आरोपियों को घटनास्थल से भागने में मदद करने के लिए पीएसआई परशुराम भवल, मामले को दबाने में मदद करने के लिए रितु मालू के पति दिनेश मालू, माधुरी सारडा, उनके पति शिशिर सारडा और 2 अज्ञात युवकों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
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हादसे के बाद एक रिपोर्ट पेश हुई थी कि दुर्घटना के बाद जब्त की गई मर्सिडीज कार कुछ दिन बाद अचानक मरम्मत के लिए मानकापुर पहुंच गई। यह जानकारी हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई थी। मामला अदालत में विचाराधीन था लेकिन अदालत की अनुमति लिए बिना ही गाड़ी छोड़ दी गई। महत्वपूर्ण बात यह थी कि कार की फोरेंसिक जांच जरूरी थी लेकिन याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि मजबूत सबूत मिटाने के लिए गाड़ी छोड़ी गई।
याचिका में 2 अज्ञात युवकों का नाम शामिल है। ये वही लोग थे जिन्होंने रितिका मालू और माधुरी सारडा के परिवार वालों के घटनास्थल पर पहुंचने तक उनका साथ दिया था। ये दोनों कौन हैं और क्या ये घटना से पहले आरोपियों के साथ थे? इस संबंध में सीआईडी जांच करेगी। दावा है कि वायरल वीडियो में दोनों युवकों के चेहरे दिख रहे हैं।