उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Eknath Shinde News: शिवसेना में ऐतिहासिक बगावत के समय कई विधायकों ने बड़ी अपेक्षा के साथ एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। लेकिन लगातार दूसरी बार सरकार में शामिल होने के बाद भी शिंदे अभी तक कुछ ही विधायकों के मंत्री बनने का सपना पूरा कर पाए हैं। उस पर पर डीसीएम शिंदे के कई मंत्रियों पर मंत्रिपद छिनने की तलवार लटक रही है। इसी पृष्ठभूमि में शिंदे बुधवार को दूसरी बार दिल्ली गए थे लेकिन वहां से उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा है। इससे ऐसी अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि महायुति में शिंदे की पकड़ ढीली पड़ने लगी है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली महाविकास आघाड़ी सरकार का ‘तख्तापलट’ करने में अहम भूमिका निभाने वाले शिंदे को कम विधायक होने के बाद भी बीजेपी ने पिछली महायुति सरकार का सीएम बनाया था। लेकिन 2024 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य में पहली बार रिकॉर्ड 132 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना दिया जबकि एकनाथ शिंदे को उप मुख्यमंत्री के पद से संतोष करना पड़ा है।
शिवसेना के मंत्रियों के विवादों की वजह से महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का महत्व घट गया है। क्योंकि मंत्रियों के विवादों के कारण महायुति सरकार की काफी किरकिरी हुई है तथा सभी को हटाने की मांग विपक्ष की ओर से लगातार की जा रही है।
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विवादित मंत्रियों को बचाने के प्रयास में पिछले एक महीने में दूसरी बार दिल्ली का चक्कर लगा चुके शिंदे को कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। खासकर गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी से मंत्री माणिकराव कोकाटे का विभाग बदलने के बाद शिंदे के मंत्रियों के भविष्य पर सवाल उठने लगे है।