रेत खनन (AI Generated Photo)
Nagpur News: इस महंगाई में व्यक्ति चाहकर भी अपना आशियाना बनाने का सपना नहीं देख सकता। कुछ दिन पहले जहां सीमेंट ने लोगों की कमर तोड़ी थी वहीं अब रही-सही कसर रेत 100 रुपये फुट पहुंचकर पूरी कर रही है। 30,000 रुपये चलने वाला रेत का डोजर अब 40,000 रुपये पर पहुंच गया है। रेत बेहद महंगी होने से गृह निर्माण करने वालों का टेंशन बढ़ गया है।
वहीं जीएसटी में कटौती से सीमेंट के भाव जरूर 30 रुपये कम हुए हैं लेकिन बहुत ज्यादा राहत नहीं है। जो सीमेंट की बैग 355 रुपये की चल रही थी वह अभी 325 रुपये पर आ गई है। इसी तरह गृह निर्माण से जुड़ीं अन्य सामग्रियों में बजरी, पत्थर व क्रशर आदि के दामों में भी उछाल आया है। मजदूरी पहले ही बढ़ी हुई है। रेत की बढ़ती दोगुनी कीमत पर भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
व्यापारियों के अनुसार कुछ माह पहले तक 400 फुट रेत का डोजर 25,000 से 30,000 रुपये का आ जाता था लेकिन अब रेत की सप्लाई बंद होने से इसके इतने अधिक भाव बढ़ गये हैं। 40,000 रुपये प्रति डोजर पहुंचने के कारण कोई भी रेत खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। महंगी रेत के कारण गृह निर्माण कराने वालों की लागत बढ़ गई है। महंगी रेत के चलते काम रुके पड़े हैं। रेत महंगी होने से कई स्कीमों की लागत भी बढ़ गई है।
ठीक तरह से सप्लाई नहीं होने का असर रेत की बढ़ती कीमतों में नजर आ रहा है। रेत के आसमान पर छूते भाव को देखते हुए प्रशासन को रेत घाट की सप्लाई पर ध्यान देना चाहिए और बढ़ती कीमतों पर विराम लगाना चाहिए। इससे गृह निर्माण करने वालों को राहत मिल सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेत की कालाबाजारी भी बढ़ गई है जिनके पास रेत है वे इसका दाम कुछ ज्यादा ही वसूल रहे हैं। जिसको जरूरत है वह मजबूरन महंगी रेत खरीदकर अपने घर का काम करवा रहा है। प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण यह खेल खेला जा रहा है। इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है गृह निर्माण करने वाले आम लोगों को।
विदर्भ टैक्सपेयर्स एसोसिएशन ने नागपुर एवं विदर्भ में रेत के दामों हुई बेतहाशा वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, वित्त मंत्री अजीत पवार, राजस्व व पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, जिलाधिकारी विपिन इटनकर को ज्ञापन प्रेषित कर इस संदर्भ में तत्काल हस्तक्षेप कर रेत आपूर्ति और दरों में हेरफेर करने वाले कार्टेल समूहों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
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वीटीए के अध्यक्ष श्रवण कुमार मालू ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में रेत के दामों में 200 से 300 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है जिससे निर्माण और आवास क्षेत्र में गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। मालू ने कहा कि बरसात के दौरान आपूर्ति बाधित होना कुछ हद तक समझ आता हैं परंतु अब जब बरसात का मौसम नहीं हैं, इसके बावजूद भी रेत के दाम आसमान छू रहे हैं।
सचिव तेजिंदर सिंह रेणु ने कहा कि इस अनुचित मूल्यवृद्धि के कारण विदर्भ के निर्माणकर्ताओं और बिल्डरों को अपने निर्माणाधीन कार्य रोकने पड़ रहे हैं। वहीं सरकारी ठेकेदार भी समय सीमा के भीतर परियोजनाओं को पूर्ण करने में असमर्थ हैं। इसका पूरा बोझ अंततः आम जनता पर ही पड़ता है।