समृद्धि महामार्ग (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Samruddhi Mahamarg: राज्य के परिवहन नेटवर्क में अहम भूमिका निभाने वाले समृद्धि महामार्ग पर अब वाहनों की निगरानी के लिए नागपुर से मुंबई तक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। करीब 1500 कैमरे पूरे मार्ग पर स्थापित किए जाएंगे। 701 किलोमीटर लंबे नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग ने राज्य के लिए ‘गेमचेंजर’ का काम किया है। अब इस पर सुरक्षा और सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कार्य चल रहा है।
फिलहाल समृद्धि महामार्ग पर नागपुर से जालना, शिडौं, नासिक और ठाणे की ओर जाने वाले वाहनों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। कारों के लिए गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए 80 किमी प्रति घंटा तय की गई है। चूंकि यह हाईवे बेहद चिकना और बिना अवरोध वाला है, इसलिए दुर्घटनाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है। हर महीने करीब तीन लाख छोटे-बड़े वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं। अब मालवाहक लॉरी चालक भी इस मार्ग को प्राथमिकता दे रहे हैं।
महामार्ग पर दौड़ते वाहनों की गति जांचने के बजाय ये कैमरे दुर्घटना की स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम को सटीक स्थान की जानकारी देंगे, जिससे मदद जल्दी पहुंचेगी। वर्तमान में हादसे के समय वाहन चालक को स्थान बताने में कठिनाई होती है, क्योंकि बीच में गांव नहीं होते और लोकेशन “चेनज” प्रणाली से तय की जाती है, जो केवल एमएसआरडी को पता होती है। नागपुर से वाशिम के बीच अब सड़क के दोनों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।
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नागपुर से मुंबई के बीच कुल 1500 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ये अत्याधुनिक कैमरे एक दिशा में 500 मीटर आगे और दूसरी दिशा में 500 मीटर तक का क्षेत्र कवर करेंगे। यह कार्य दिल्ली की एनसीसी कंपनी को सौंपा गया है। कैमरे ऊंचाई से 500 मीटर तक सीधी और 200 मीटर तक किनारे की निगरानी कर सकेंगे, हर जिले में समृद्धि महामार्ग के लिए कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग होगा, मुख्य कंट्रोल रूम मुंबई में रहेगा।
समृद्धि महामार्ग पर लगाए जा रहे 1500 सीसीटीवी कैमरे तेज गति से दौड़ते वाहनों, दुर्घटनाओं और चौरी की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखेंगे। सभी कैमरे सोलर पावर सिस्टम पर काम करेंगे। रात के समय आरटीओ और पुलिस की गश्त की गतिविधियों की भी यह प्रणाली निगरानी करेगी, जिससे संबंधित विभागों को लगातार चौकसी बनाए रखनी होगी।