मोहन भागवत (Image- Social Media)
RSS Chief Mohan Bhagwat News: राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चीफ मोहन भागवत ने बीते शुक्रवार को नागपुर में बड़ी बात कही। उन्होंने कहा है कि हिंदुस्तान को दुनिया उस दिन विश्वगुरु मानेगी जब देश आध्यात्मिकता और धर्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करेगा। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि यदि भारत की अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर हो जाए, तब भी दुनिया को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। दुनिया को इस बात से बिल्कुल भी लेना देना नहीं है कि हमारी अर्थव्यवस्था किस गति से आगे बढ़ रही है।
इसके आगे भागवत ने कहा- जो हमारे पास आध्यात्म और धर्म है, वो दुनिया के पास नहीं है। पूरी दुनिया भारत में इसी के लिए आती है। दुनिया हमें तब नमस्कार करती है, जब हम बड़े बनते हैं। वो तब हमें विश्वगुरु मानती है। गौरतलब है कि मोहन भागवत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए 25% एक्स्ट्रा टैरिफ के दो दिन बात ये बातें की हैं। ट्रंप ने टैरिफ से जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं। जिसके बाद भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगने वाला है।
नागपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान RSS प्रमुख भागवत ने कहा कि “भले ही हमारी अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर के ऊपर है, यह आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि कई देश अमीर हैं। लेकिन हमारे पास आध्यात्मिकता और धर्म है, जिसकी आज दुनिया को जरूरत है और जो केवल हमारे पास है। जब हम इन दोनों आयामों में प्रगति करेंगे, तब दुनिया हमें विश्वगुरु के रूप में मानेगी।”
VIDEO | Nagpur: RSS chief Mohan Bhagwat says, “Even if our economy is above $3 trillion, it is not surprising, because many countries are rich. But we have spirituality and dharma, which the world wants now, and only we have it. When we develop in these two dimensions, the world… pic.twitter.com/WJs4ZeBNCo
— Press Trust of India (@PTI_News) August 8, 2025
मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदुस्तान को विश्वगुरु का दर्जा उस दिन मिलेगा जिस दिन वो आर्थिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का उत्थान करेगा। इसके आगे उन्होंने कहा- आध्यात्मिकता और धर्म का पथ ही वह एकमात्र मार्ग है, जो भौतिक समृद्धि के साथ सामंजस्य स्थापित कर भारत और विश्व में शांति व एकता को बढ़ावा दे सकता है।
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भागवत ने अपने संबोधन में निडर होने की बात कही। उन्होंने शिव का उदाहरण देते हुए कहा कि जो शक्तिशाली होता है वहीं इंसान निडर भी होता है। अब भारत को आत्मविश्वासी बनना ही पड़ेगा, क्योंकि पावर के बिना निर्भीकता संभव नहीं है। उनका मानना है कि नैतिक और आत्मिक बल के साथ-साथ हमारे पास भौतिक सामर्थ्य का भी होना जरूरी है।